पाकिस्तानी अधिकारियों की बंदिशों के बीच कुलभूषण जाधव से मिले भारतीय अधिकारी
नई दिल्ली। पाकिस्तान के जेल में बंद कुलभूषण जाधव को गुरुवार को पाकिस्तान ने दूसरा कॉन्सुलर एक्सेस दिया है। जिसके बाद भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने जाधव से मुलाकात की है। मुलाकात के बाद सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि,कुलभूषण जाधव का कॉन्सुलर ऐक्सस सफल नहीं था। कॉन्सुलर के अधिकारी को बिना रोक-टोक, निर्बाध और बिना की शर्त के नहीं मिलने दिया है। वहीं भारतीय कॉन्सुलर अधिकारियों और जाधव के बीच मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी अधिकारी नजदीक ही मौजूद रहे। उनकी सारी बातचीत को कैमरे में कैद किया जा रहा था। बातचीत के दौरान जाधव पूरी तरह से तनाव में थे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस के मुलाकात में खुले तौर पर बातचीत की अनुमति नहीं दी गई और इस तरह के मुलाकात का कोई मतलब नहीं था।
विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया कि कॉन्सुलर अधिकारी कुलभूषण से उनके कानूनी अधिकारों को लेकर बात नहीं कर पाए। पाकिस्तान के अधिकारियों ने कानून सहायता उपलब्ध कराने के लिए उनकी सहमति लेने से अधिकारियों को रोका।विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की हरकतों से कॉन्सुलर अधिकारी नाराज दिखा। उन्हें यकीन हो गया कि इस तरह के कॉन्सुलर ऐक्सेस का कोई मतलब नहीं है। अपना विरोध दर्ज कराने के बाद वो वहां से लौट गए।
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को कहा कि, भारत कुलभूषण जाधव के लिए एक अप्रभावितऔर बिना शर्त के कांसुलर एक्सेस के लिए अनुरोध कर रहा है। जिसके बाद हमारे अधिकारियों ने आश्वासन के आधार पर गुरुवार को बैठक की। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के लौटने के बाद भारत स्थिति का आकलन करेगा और एक रिपोर्ट भेजेगा। पाकिस्तान में कुलभूषण यादव से मुलाकात करने वाले हमारे अधिकारियों ने रिपोर्ट नहीं सौंपी है। जब उनकी रिपोर्ट मिलेगी तो हम इसपर कुछ टिप्पणी कर पाएंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को कहा कि पाक की इस हरकत से भारत के इन केंद्र शासित प्रदेशों का काफी हिस्सा डूब सकता है। उन्होंने कहा कि पाक ने भारत के हिस्से पर जबरन कब्जा किया हुआ है, ऐसे में वहां बदलाव करना बिल्कुल भी सही नहीं है। हम इसकी आलोचना करते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले भारत में इस तरह के सभी प्रोजेक्ट का भारत विरोध करता रहा है। इसे लेकर हम चीन और पाकिस्तान दोनों के समक्ष विरोध जता चुके हैं।
पाकिस्तान ने हाल ही में अफगानिस्तान को वाघा बॉर्डर के जरिए सामान भारत भेजने की अनुमति दे दी थी। इस पर विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान के अच्छे बनने का नाटक करने का एक और उदाहरण है। यह छलावा है। पाकिस्तान हमेशा से परिवहन मामलों में एकाधिकार जमाने की कोशिश करता है। वह अफगानिस्तान को आने-जाने के अधिकार नहीं देगा।
भारत और चीन के बीच बातचीत जारी, दोनों पक्ष सेना हटाने को राजी: विदेश मंत्रालय
Consular Officers were not given unimpeded, unhindered & unconditional access to Kulbhushan Jadhav. On the contrary, Pakistani officials with an intimidating demeanour were present in close proximity of Jadhav & Consular Officers despite the protests of the Indian side: MEA pic.twitter.com/hSVilkS1J2
— ANI (@ANI) July 16, 2020
It was also evident from a camera that was visible that the conversation with Jadhav was being recorded. He was visibly under stress & indicated that clearly to the Consular Officers. The arrangements did not permit a free conversation between them: MEA https://t.co/NkmsBAHIrd
— ANI (@ANI) July 16, 2020
The Consular Officers could not engage Kulbhushan Jadhav on his legal rights and were prevented from obtaining his written consent for arranging his legal representation: Ministry of External Affairs
— ANI (@ANI) July 16, 2020