Delhi violence: अमेरिकी नेताओं और USCIRF के बयान पर विदेश मंत्रालय ने लगाई फटकार
नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय की तरफ से दिल्ली के दंगों और हिंसा पर अमेरिकी संस्था और कुछ नेताओं की तरफ से की गई टिप्पणी का जवाब दिया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि देश की एजेंसियां लगातार हालात को सामान्य करने पर काम कर रही हैं। विदेश मंत्रालय ने टिप्पणियों पर फटकार लगाते हुए कहा है कि सरकार अपील करती हैं कि इस नाजुक मौके पर किसी भी तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयान देने से बचा जाए।
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पीएम कर चुके हैं शांति की अपील
विदेश मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को बयान जारी किया गया है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, 'हालात को सामान्य करने में एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं। सरकार की तरफ से वरिष्ठ प्रतिनिधियों को इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री की तरफ से भी सार्वजनिक तौर पर शांति और भाईचारे को कायम रखने की अपील की जा चुकी है। हम यह अपील करना चाहेंगे कि इस मौके पर किसी भी तरह के गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों से बचा जाए।' मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी यानी यूएससीआईआरएफ की तरफ से जो टिप्पणियां की गई हैं, उस पर सरकार का ध्यान गया है। साथ ही सरकर ने दिल्ली हिंसा पर मीडिया और कुछ व्यक्तियों की तरफ से की गई टिप्पणियों को भी देखा है। मंत्रालय के शब्दों में, 'तथ्यात्मक तौर पर यह गलत है और भ्रमित करने वाला है। साथ ही ऐसा लगता है कि इनका मकसद मुद्दे का राजनीतिकरण करना है।'
सैंडर्स ने किया है ट्वीट
डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता और इस वर्ष होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स ने दिल्ली हिंसा को लेकर ट्वीट किया है। सैंडर्स ने लिखा, '200 मिलियन से ज्यादा मुसलमान भारत को अपना घर बताते हैं। बड़े स्तर पर मुसलमान विरोधी भीड़ की हिंसा में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हैं। ट्रंप ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'यह भारत का मसला है।' यह मानवाधिकारों पर नेतृत्व की असफलता है।'' बर्नी सैंडर्स, एक और डेमोक्रेटिक नेता और उम्मीदवार सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन के बाद दूसरे नेता हैं जिन्होंने दिल्ली हिंसा पर टिप्पणी की है। आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में दिल्ली में कुछ दिनों पहले भड़की हिंसा में अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है।