अमेरिका: सैकड़ों भारतीय छात्र हिरासत में, विदेश मंत्रालय मामला सुलझाने में जुटा
नई दिल्ली। अमेरिकी इमिग्रेशन कस्टम्स इनफॉर्समेंट (ICE) एजेंसी ने इस सप्ताह बुधवार को 100 से अधिक छात्रों और 8 स्टूडेंट्स रिक्रूटर्स को हिरासत में लिया था, जिसके बाद अब विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस पूरे मामले पर बयान जारी किया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वाशिंगटन में हमारे मिशन और अमेरिका में वाणिज्य दूतावासों के साथ मिलकर भारत सरकार अमेरिका में भारतीय छात्रों को हिरासत में लिए गए पूरे मामले पर सर्वोच्च प्राथमिकता आधार पर नजर बनाए हुई हैं। अमेरिका एजेंसी आईसीई ने एक स्टिंग ऑपरेशन के तहत सैकड़ों भारतीयों को हिरासत में लिया है और कई लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी के वारंट भी जारी किये हैं। अमेरिकी एजेंसी ने इस सभी को वीजा फ्रॉड मामले के तहत हिरासत में लिया है।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, 'जैसे ही हमें उनके हिरासत के बारे में पता चला तो हमने तुरंत यूएस डिपार्टमेंट के मिशन और डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी से संपर्क कर हिरासत में लिए गए छात्रों की लिस्ट, उनकी आइडेंटी डिटेल्स से लेकर डिटेंशन प्लेस बताने की मांग की। हमने कांसुलर एक्सेस के लिए एक औपचारिक अनुरोध रखा है ताकि इस मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में लिया जा सके।'
विदेश मंत्रालय ने यूएस डिपार्टमेंट से कहा कि जिन छात्रों ने किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की है उन्हें और एनरॉल लेने वाले स्टूडेंट को अलग किया जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए अमेरिका में भारतीय छात्रों को पूरी सहायता प्रदान करने के लिए वे तैयार है। विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि हमने छात्रों तक पहुँचने के लिए भारतीय सामुदायिक संगठनों को भी शामिल किया है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार इस स्थिति पर बारीकी से निगरानी रख रही है और अमेरिकी सरकार पर जल्द से जल्द स्थिति को दूर करने की जरूरत पर जोर दिया है।
अमेरिकी न्याय विभाग की मिशिगन शाखा की ओर से जिन आठ भारतीयों की गिरफ्तारी का आदेश दिया गया उनके नाम हैं-फ्लोरिडा से भारत काकिरेड्डी, वजर्निनिया के सुरेश कांदला, केंटुकी से फहानीदीप कारनाती, नॉर्थ कैरोलिना से प्रेम रामपीसा, कैरोलिना के संतोष सामा, पेंसिलवेनिया के अविनाश थाकालापाल्ली, जॉर्जिया के अश्वनाथ न्यूने और टेक्सास के नवीन प्राथीपती। मिशिगन राज्य के फार्मिगंटन यूनिवर्सिटी में कई छात्रों ने एडमिशन लिया था। इन सभी छात्रों को भी होमलैंड सिक्योरिटीज और इमीग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (आईसीई) के एजेंट्स ने गिरफ्तार कर लिया है।