किसान आंदोलन पर टिप्पणी करने वाले कनाडाई पीएम को भारत का दो टूक जवाब- 'घरेलू मुद्दे पर ना बोलें तो ही बेहतर'
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज छठे दिन भी जारी है, हालांकि इस बीच केंद्र सरकार के न्योते पर किसान संगठन के नेताओं ने अपनी मांगो लेकर सरकार से बात करने का फैसला किया है। दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में किसानों और केंद्र सरकार के बीच बैठक जारी है। इस बीच कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की किसान आंदोलन पर टिप्पणी को लेकर देश में बवाल मचा हुआ है। किसान आंदोलन के समर्थन में उतरे जस्टिन ट्रूडो की अब भारत में कड़ी निंदा हो रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने अब जस्टिन ट्रूडो के बयान पर टिप्पणी की है।
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कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें हमारे घरेलू मामलों में बोलने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने भारत में किसानों से संबंधित कनाडाई नेताओं द्वारा कुछ भरे बयान देखे हैं। ऐसी टिप्पणियां अनुचित हैं, खासकर जब एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित होती हैं। जस्टिन ट्रूडो को निशाने पर लेते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह भ्रामक सूचनाओं पर आधारित खबरों पर बयान न दें। यह मामला भारत का अंदरुनी मामला है, अच्छा हो कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कटूनीतिक संवाद को तोड़ा-मरोड़ा ना जाए।
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बता दें कि भारतीय विदेश मंत्रालय से पहले शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया देते हुए आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि 'प्रिय जस्टिन ट्रूडो हमें आपकी चिंता की कद्र है लेकिन भारत का आंतरिक मुद्दा किसी अन्य राष्ट्र की राजनीति के लिए चारा नहीं है। उन शिष्टाचारों का सम्मान करें जो हम हमेशा अन्य देशों तक बढ़ाते हैं। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करते हैं कि इससे पहले कि अन्य देश इस मुद्दे पर चर्चा करें, इस समस्या को जल्द निपटा लें।'