दिल्ली: CM केजरीवाल के घर तक पहुंचा MCD सैलरी विवाद, तीनों मेयर धरने पर बैठे
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित है। इस बीच म्युनसिपल कॉर्पोरेशन से संबध अस्पताल के डॉक्टर सैलरी नहीं मिलने के चलते हड़ताल पर जा चुके हैं। वहीं अन्य कर्मचारी भी लगातार हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे रहे हैं। ऐसे में अब इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है। सोमवार को दिल्ली के तीन नगर निगमों के मेयर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने साफ कर दिया है कि जब तक सीएम कर्मचारियों की सैलरी के मुद्द पर बात नहीं करते, तब तक वो ऐसे ही बैठे रहेंगे।
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धरने पर बैठे उत्तरी दिल्ली के मेयर जय प्रकाश, पूर्वी दिल्ली के निर्मल जैन और दक्षिणी दिल्ली की अनामिका सिंह ने केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पर 13 हजार करोड़ का बकाया है। इस वजह से वो चाहते हैं कि दिल्ली सरकार को उनसे बात करनी चाहिए, ताकि किसी तरह से एमसीडी कर्मचारियों की सैलरी का मुद्दा सुलझाया जा सके। उन्होंने कहा कि उन्हें एमसीडी के दो लाख कर्मचारियों की चिंता है, ऐसे में जब तक केजरीवाल उनसे बात नहीं करेंगे, तब तक उनका धरना जारी रहेगा।
एक-दूसरे
पर
लगा
रहे
आरोप
दरअसल
एमसीडी
के
अंतर्गत
आने
वाले
हिन्दू
राव
और
कस्तूरबा
अस्पताल
के
डॉक्टर
सैलरी
नहीं
मिलने
की
वजह
से
हड़ताल
कर
रहे
हैं।
इस
बीच
एमसीडी
और
दिल्ली
सरकार
बैठकर
मामला
सुलझाने
के
बजाए
एक-दूसरे
पर
आरोप-प्रत्यारोप
कर
रहे
हैं।
दिल्ली
के
स्वास्थ्य
मंत्री
सतेंद्र
जैन
ने
हाल
ही
में
कहा
था
कि
एमसीडी
ने
सारा
पैसा
होर्डिंग-बैनर
लगाने
में
खर्च
कर
दिया।
अगर
वो
अस्पतालों
का
संचालन
नहीं
कर
पा
रही
तो
उसे
दिल्ली
सरकार
को
हैंडओवर
कर
दे,
तो
वहीं
बीजेपी
शासित
एमसीडी
के
मेयर
के
मुताबिक
केजरीवाल
सरकार
लोकल
बॉडी
को
कमजोर
करना
चाहती
है,
जिस
वजह
से
बकाए
पैसे
का
भुगतान
नहीं
हो
रहा
है।