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1995 के लखनऊ गेस्ट हाउस कांड से मायावती ने मुलायम सिंह के खिलाफ केस वापस लिया

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Guest house scandal: Mayawati ने Mulayam Singh के खिलाफ वापस लिया case। वनइंडिया हिंदी

लखनऊ। वर्ष 1995 के चर्चिच लखनऊ गेस्ट हाउस कांड मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुलायम सिंह यादव के खिलाफ केस वापस ले लिया है। गेस्ट हाउस कांड के बाद से ही सपा और बसपा एक दूसरे के धुर विरोधी हो गए थे। लेकिन आपसी मतभेदों को भुलाकर पिछले लोकसभा चुनाव में दोनों ही दलों ने गठबंधन किया था और एक साथ चुनाव लड़ा था। इसके बाद आखिरकार मायावती ने एक कदम और बढ़ाते हुए मुलायम सिंह के खिलाफ केस वापस ले लिया है। इस बात की जानकारी बसपा के दो वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को दी।

बसपा ने की पुष्टि

बसपा ने की पुष्टि

हालांकि समाजवादी पार्टी की ओर से इस बाबत पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन बसपा की ओर से स्पष्ट कहा गया है मुलायम सिंह यादव के नाम को इस केस में से वापस ले लिया गया है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ने के बाद तकरीबन पांच महीने तक दोनों दलों के बीच गठबंधन बरकरार रहा, लेकिन चुनाव में खराब प्रदर्शन के चलते दोनों के बीच गठबंधन टूट गया था। बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने लखनऊ गेस्ट हाउस कांड मामले पर कहा कि मायावती ने 24 साल पुराने गेस्ट हाउस कांड में दर्ज केस को वापस ले लिया है।

अखिलेश ने किया था अनुरोध

अखिलेश ने किया था अनुरोध

बता दें कि बसपा के एक नेता ने दावा किया था कि 12 जनवरी को सपा और बसपा के बीच गठबंधन हुआ था, उस वक्त सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने 2 जून 1995 के गेस्ट हाउस कांड से मुलायम सिंह यादव के खिलाफ दर्ज केस को वापस लिए जाने का मायावती से अनुरोध किया था। सूत्रों की मानें तो मैनपुरी में जिस वक्त मुलायम और मायावती ने एक साथ मंच साझा किया था उस वक्त मायावती ने अखिलेश यादव को यह आश्वासन दिया था कि वह उनके अनुरोध को पूरा करेंगी।

गठबंधन के बाद बनी थी सरकार

गठबंधन के बाद बनी थी सरकार

वहीं सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस बात की जानकारी शुक्रवार को मिलेगी, जिसके बाद ही इस मसले पर कुछ कहा जा सकता है। बता दें कि 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद मुलायम सिंह और बसपा मुखिया कांशीराम के बीच गठबंधन हुआ था। दोनों ही दलों ने एक साथ मिलकर 1993 का चुनाव भाजपा के खिलाफ लड़ा था। उस वक्त गठबंधन को 425 सीटों में 176 सीटों पर जीत मिली थी। जिसके बाद कांग्रेस के समर्थन से सरकार का गठन हुआ था और मुलायम सिंह यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे।

हुआ था हमला

हुआ था हमला

माना जाता है कि भाजपा ने मायावती को प्रस्ताव दिया था कि अगर वह उनके साथ आती हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। जिसके बाद मायावती ने इस बाबत मीराबाई गेस्ट हाउस में अपने विधायकों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक की जानकारी जब सपा नेताओं को मिली तो वह वहां पहुंच गए और कथित तौर पर हमला कर दिया। माना जाता है कि उस वक्त मायावती ने बसपा के कुछ नेताओं के साथ खुद को गेस्टहाउस के कमरे में बंद कर लिया था। जिसके बाद भाजपा के कुछ नेताओं ने उन्हें बचाया था। इस मामले में लखनऊ में एफआईआर दर्ज कराया गया था।

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English summary
Mayawati takes back case against Mulayam Singh Yadav in Lucknow guest house case of 1995.
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