2 अप्रैल के भारत बंद से बने दबाव के बाद लाई सरकार एससी/एसटी बिल: मायावती
2 अप्रैल के भारत बंद से बने दबाव के बाद लाई सरकार एससी/एसटी एक्ट बिल: मायावती
नई दिल्ली। एससी-एसटी (अत्याचार रोकथाम) संशोधन विधेयक, 2018 सोमवार को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया है। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एससी/एसटी विधेयक में संशोधन का स्वागत किया है। मायावती ने कहा कि उन्हें उम्मीद है, लोकसभा में के बाद राज्यसभा में भी ये बिल पास हो जाएगा। मायावती ने इस बिल के लोकसभा में आने का श्रेय देश की जनता और बसपा के कार्यकर्ताओं को है, जिन्होंने इसके लेकर सड़कों पर संघर्ष किया।
भारत बंद के चलते लाया गया बिल
मायावती ने कहा है कि 2 अप्रैल को जनता और बसपा कार्यकर्ताओं ने जो भारत बंद बुलाया था, उसने सरकार पर दबाव बनाया। इसी बंद का असर था कि केंद्र की भाजपा सरकार इसे संसद में लेकर आई। मायावती ने केंद्र सरकार में शामिल दलित नेताओं की भी आलोचना करते हुए कहा कि जब 2 अप्रैल को देश के लोग आंदोलन के लिए सड़कों पर उतर थे तो केंद्र सरकार में शामिल दलित मंत्री चुप्पी लगाए बैठे थे।
शुक्रवार को पेश किया था बिल
एससी/एसटी एक्ट पर संशोधित बिल शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने बिल पेश किया था। जिसे सोमवार को लोकसभा में पास कर दिया गया। राज्यसभा से भी पास होने के बाद एससी/एसटी एक्ट अपने पुराने स्वरूप में आ जाएगा। इस साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट 1989 के तहत दर्ज मामलों में जांच से पहले गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इसका देशभर में भारी विरोध हुआ था।
राज्यसभा डिप्टी चेयरमैन चुनाव में एनडीए का साथ देगा अकाली दल, पहले थी नाराजगी की खबरें
मार्च में हुआ था बदलाव
मार्च में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों गिरफ्तारी से पहले डीएसपी स्तर पर जांच और अग्रिम जमानत की बात कही थी। बिल में संसोधन के बाद अपराध की शिकायत मिलते ही पुलिस रिपोर्ट दर्ज करे, केस दर्ज करने से पहले जांच जरूरी नहीं होगी। गिरफ्तारी से पहले किसी की इजाजत लेना आवश्यक नहीं है और केस दर्ज होने के बाद अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं होगा।
जस्टिस इंदिरा बनर्जी, वीरेन सरन और केएम जोसेफ ने SC जज के रूप में ली शपथ