मुलायम सिंह के लिए मैनपुरी में रैली करेंगी मायावती, 25 साल बाद एक मंच पर होंगे दोनों नेता!
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के लिए बसपा सुप्रीमो प्रचार करेंगी। सूत्रों के मुताबिक, वो मैनपुरी में यादव के साथ मंच साझा करेंगी, जहां से वो सपा के कैंडिडेट हैं। ये इसलिए खास है क्योंकि सपा-बसपा में गठबंधन के बाद ये माना जा रहा था कि मुलायम सिंह इससे खुश नहीं हैं। मुलायम सिंह यादव ने सपा कार्यकर्ताओं से बातचीत में बसपा को बराबर सीट देने पर गुस्से का इजहार भी किया था।
19 अप्रैल को साथ आएंगे माया-मुलायम
मैनपुरी में 19 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह रैली करेंगी, इसमें मायावती भी हिस्सा लेंगी और उनके पक्ष में वोट मांगेगी। अखिलेश यादव और मायावती भी कई रैलियों में साथ दिखेंगे। मायावती और अखिलेश यादव के अलावा रालोद मुखिया अजित सिंह भी गठबंधन के साथी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तीनों नेता साथ में एक ही मंच पर नजर आ सकते हैं।
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गेस्ट हाउस कांड से बढ़ी थी दूरियां
समाजवादी पार्टी और बसपा में इससे पहले 1993 में भी गठबंधन हो चुका है और दोनों मिलकर उत्तर प्रदेश में सरकार भी बना चुके हैं। जून 1995 को बीएसपी ने मुलायम सरकार से किनारा करते हुए समर्थन वापसी की घोषणा कर दी थी। इसके बाद लखनऊ के गेस्ट हाउस में सपा के विधायकों ने मायावती के साथ कथित तौर पर बदतमीजी की थी। बसपा की ओर से कहा गया था कि ये मुलायम सिंह के इशारे पर हुआ। इसके बाद दोनों पार्टियों करीब 25 साल बाद बीते साल उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनावों में दूरियां घटीं।
भाजपा पर हमलावर हैं मायावती
मायावती लगातार भाजपा पर हमलावर हैं। वो लगातार कह रही है कि देशभर में खासकर यूपी में बीजेपी की हालत काफी खराब है, उसे केंद्र की सत्ता जाने का डर सताने लगा है। वो लगातार गठबंधन के पक्ष में वोट डालने की अपील कर रही हैं और भाजपा को कोस रही हैं। शुक्रवार को कांशीराम की जयंती पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें हीं उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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