मायावती ने धर्म परिवर्तन का किया ऐलान, कहा- सही समय पर करूंगी घोषणा
नागपुर। महाराष्ट्र चुनाव के लिए नागपुर में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचीं बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि वह भी बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की तरह बौद्ध धर्म को अपनाएंगी। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत द्वारा भारत हिंदू राष्ट्र होने की वजह से मुस्लिम समाज सुखी होने के बयान पर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा प्रमुख मायावती ने सख्त नाराजगी जताई।
'मैं भी बौद्ध धर्म की अनुयायी बनने के लिए दीक्षा अवश्य लूंगी'
बसपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने नागपुर पहुंची मायावती ने कहा कि, बा साहब भीमराव आंबेडकर ने अपने देहांत से कुछ वक्त पहले अपना धर्म परिवर्तन कराया था। आप लोग मेरे धर्म परिवर्तन के बारे में भी सोचते होंगे। मैं भी बौद्ध धर्म की अनुयायी बनने के लिए दीक्षा अवश्य लूंगी लेकिन यह तब होगा जब इसका सही समय आ जाए। ऐसा तब होगा जब पूरे देश में बड़ी संख्या में लोग ऐसा धर्मांतरण करें। धर्मांतरण की यह प्रक्रिया भी तब ही संभव है जब बाबा साहब के अनुयायी राजनीतिक जीवन में भी उनके बताए रास्ते का अनुसरण करें।
हमारे लोग बाबासाहब के बताए रास्ते पर नहीं चलते: मायावती
उन्होंने कहा कि, दु:ख की बात है कि हमारे लोग बाबासाहब के बताए रास्ते पर नहीं चलते। सिर्फ वोट हमारा, राज तुम्हारा नारा लगाने से काम नहीं चलेगा। उस पर हमें अमल भी करना होगा। कांशीराम ने जब मूवमेंट शुरू किया था, तब वे बहुत दु:खी थे। मैं भी बहुत दु:खी हूं। आप अभी तक महाराष्ट्र में रिजल्ट नहीं दिखा पाए हैं।
मायावती ने कहा कि देश पीछे जा रहा है
मायावती ने कहा कि देश पीछे जा रहा है। इसके लिए कांग्रेस और भाजपा शासन जिम्मेदार है। कांग्रेस, भाजपा की सरकारें उद्योगपतियों की मदद से जीतकर आई हैं, जिससे दोनों पार्टियों की सरकारों की नीतियां सिर्फ चुनिंदा धन्नासेठों के हित में रहीं। नोटबंदी, जीएसटी के कारण देश की अर्थव्यवस्था की कमर टूट गई है। कांग्रेस और भाजपा की अंदरूनी साठगांठ ने दलित, आदिवासी व पिछड़े वर्गों का सरकारी पदों में आरक्षण प्रभावहीन बना दिया है।
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