मायावती ने सपा से गठबंधन तोड़ा, उपचुनाव अकेले लड़ने का ऐलान
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नई दिल्ली। बसपा प्रमुख मायावती ने सपा से अलग होने का ऐलान कर दिया है। बसपा उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में अकेले उतरेगी। मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मायावती ने कहा, लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा गठबंधन कर साथ लड़े लेकिन नतीजे उम्मीदों के अनुसार नहीं आए। सपा का कोर वोटर यानी यादव सपा के साथ नहीं टिका और भीतरघात करते हुए भाजपा को ट्रांसफर हुआ। ऐसे में उत्तर प्रदेश में बसपा ने अकेले ही उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है।
यादव सपा के ही साथ नहीं
उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती ने कहा, यादव वोट सपा के साथ ही नहीं रहा। यहां तक कि अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और उनके परिवार के सदस्य धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव भी हार गए। ऐसे में जब यादव वोट सपा को ही वोट नहीं कर रहा तो हमें कैसे ट्रांसफर होता। मायावती ने कहा कि सोमवार को दिल्ली में पार्टी के नेताओं के साथ बैठक के बाद उन्होंने फैसला किया कि अलग होकर चुनाव लड़ा जाए। उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटें, विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई हैं।
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सपा के रिश्ता पूरी तरह खत्म नहीं लेकिन
मायावती ने सपा से अलग होने की बात तो कही लेकिन साथ ही कहा कि अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल ने उनके अपना बड़ा माना है और बहुत सम्मान दिया है। उनसे रिश्ता बना रहेगा लेकिन राजनीति कि अपनी जरूरते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सपा से भी रिश्ता पूरी तरह खत्म नहीं हुआ लेकिन सपा को अभी बहुत मेहनत करने की जरूरत है। अगर भविष्य में सपा के साथ उनका वोट जुड़ा तो हम रिश्ता आगे बढ़ा सकते है।
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गठबंधन को लोकसभा चुनाव में मिली हार
बता दें कि लोकसभा चुनाव एसपी, बीएसपी और आरएलडी के बीच गठबंधन हुआ था। बसपा ने 38, सपा ने 37 और आरएलडी ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन तीनों दल मिलकर 15 सीटें ही जीत सके। बीएसपी 10 सीटों पर ही जीत सकी जबकि एसपी को केवल 5 सीटें मिलीं। बीजेपी को 62 सीटों पर जीत मिली।
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