आज उना कांड के पीड़ितों से मिलेंगी मायावती, लगाया बीजेपी पर साजिश का आरोप
लखनऊ। उना कांड के बाद दलितों के दिलों में खुद को हमदर्द साबित करने बसपा सुप्रीमों मायावती आज उना दलित उत्पीड़न कांड के पीड़ित युवकों और उनके परिवार वालों से मिलने जा रही हैं।
उना दलित पीड़ितों से गर्मजोशी से मिले राहुल गांधी, तस्वीरें
मायावती का कहना है कि वे काफी पहले गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के उना जाकर दलितों के पीड़ित परिवार वालों से मिलकर उनसे सहानुभूति प्रकट करना चाहती थी, लेकिन बीजेपी उन्हें वहां नहीं जाने देने के लिए कई प्रकार के षड्यंत्र करती रही। हालांकि मायावती के साथ रहे कई नेता जो अब पार्टी छोड़ चुके हैं इसे सियासत का नाम देने में जुटे हैं।
अहमदाबाद जाकर करूंगी धन्यवाद
मायावती का कहना है कि पीड़ित परिवार व गांव के अन्य लोगों ने हमारी पार्टी पर भरोसा जताया है। माया ने कहा, 'हम अहमदाबाद जाकर स्वयं ही उनसे मिलेंगे और उनका धन्यवाद करेंगे। इसी कारण अहमदाबाद के दौरे पर मैं उना कांड के पीड़ितों के साथ-साथ पीड़ित परिवार वालों से भी अहमदाबाद में ही मिलूंगी।'
लोगों का ध्यान उना कांड से हटाने के लिए BJP ने रचा षड्यंत्र- मायावती
माया ने अपने बयान में कहा कि बहुजन समाज पार्टी ने इस मामले को संसद के बाहर व संसद में राज्यसभा में काफी मजबूती से उठाया। इस कारण बीजेपी ने जानबूझ कर एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उत्तर प्रदेश में अपने एक वरिष्ठ नेता से मेरे खिलाफ अभद्र व अपशब्द कहलवा कर, पार्टी को उलझाने का प्रयास किया, ताकि उना कांड से लोगों का ध्यान हटाया जा सके। इसी कारण उना दौरा उन्हें स्थगित करना पड़ा था।
सोशल मीडिया पर मायावती पर उठ रहे हैं सवाल
दयाशंकर मामले में सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा लगातार मायावती के दोहरे चरित्र पर तरह-तरह के स्टेटस अपलोड किए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि निश्चित तौर पर दयाशंकर ने गलत बोला था लेकिन बसपा के वरिष्ठ नेताओं ने जो बद्जुबानी की थी, वो सुप्रीमों मायावती को सुनाई क्यों नहीं पड़ी।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी को क्यों वो बचाने की कोशिश कर रही हैं?
नसीमुद्दीन सिद्दीकी को क्यों वो बचाने की कोशिश कर रही हैं। बहरहाल आपको बता दें कि सूत्रों के मुताबिकल नसीमुद्दीन को बसपा का फायनेंसर बताया जाता है। जो एक बड़ी वजह है नसीम को इस पूरे मामले से अलग रखने का।