कुंभ में पीएम मोदी के स्नान पर ट्वीट कर मायावती ने पूछा- क्या इससे जनता से विश्वासघात के पाप धुल जाएंगे?
लखनऊ। पीएम मोदी प्रयागराज के कुंभ मेले में पहुंचने और स्नान करने को लेकर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने जमकर निशाना साधा है। मायावती ने ट्वीट कर कहा, "चुनाव के समय संगम में शाही स्नान करने से मोदी सरकार की चुनावी वादाखिलाफी, जनता से विश्वासघात और अन्य प्रकार की सरकारी जुल्म-ज्यादती और पाप क्या धुल जाएंगे? नोटबंदी, जीएसटी, जातिवाद, द्वेष और साम्प्रदायिकता आदि की जबरदस्त मार से त्रस्त लोग क्या बीजेपी को इतनी आसानी से माफ कर देंगे?"
इसके साथ ही मायावती ने किसानों को सम्मान निधि में से 2000 रुपये की पहली किस्त दिए जाने पर भी सवाल उठाए। मायावती ने लिखा, " श्री मोदी सरकार को किसान व खेतिहर मजदूरों में अन्तर करना चाहिये। चुनाव से पहले 500 रु प्रति माह की सहायता भूमिहीन खेतिहर मजदूरों हेतु तो ठीक है, लेकिन किसानो के लिये नहीं। किसान पैदावार का वाजिब मूल्य चाहते है। बीजेपी सरकार 5 साल में यह सुनिश्चित नहीं कर पायी। यह विफलता है।"
चुनाव के समय संगम में शाही स्नान करने से मोदी सरकार की चुनावी वादाखिलाफी,जनता से विश्वासघात व अन्य प्रकार की सरकारी ज़ुल्म-ज़्यादती व पाप क्या धुल जाएँगे? नोटबंदी,जीएसटी,जातिवाद, द्वेष व साम्प्रदायिकता आदि की ज़बर्दस्त मार से त्रस्त लोग क्या बीजेपी को इतनी आसानी से मांफ कर देंगे?
— Mayawati (@Mayawati) February 25, 2019
गौरतलब है कि बीते दिनों ही बसपा प्रमुख मायावती माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर आई हैं। अब वह प्रेस रिलीज नहीं बल्कि ट्विटर के जरिए जनता से रूबरू हो रही हैं। मायावती लगातार हर मुद्दे पर ट्वीट कर अपनी राय रख रही हैं वहीं बीजेपी की आलोचना भी कर रही हैं। इससे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर पीएम मोदी के कुम्भ दौरे के दौरान सफाईकर्मियों के पैर धोने पर कटाक्ष करते हुए मीडिया पर भी सवाल उठाए हैं। गठबंधन के बाद सपा और बसपा के बीच ट्वीट में भी सामंजस्य देखने को मिल रहा है। दोनों ही दलों के नेता ट्वीट के जरिए सुर में सुर मिलाते नजर आ रहे हैं।
श्री मोदी सरकार को किसान व खेतिहर मज़दूरों में अन्तर करना चाहिये। चुनाव से पहले 500 रु प्रति माह की सहायता भूमिहीन खेतिहर मज़दूरों हेतु तो ठीक है, लेकिन किसानो के लिये नहीं। किसान पैदावार का वाजिब मूल्य चाहते है। बीजेपी सरकार 5 साल में यह सुनिश्चित नहीं कर पायी। यह विफलता है ।
— Mayawati (@Mayawati) February 25, 2019