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'हाथ' को नहीं मिला 'हाथी' का साथ, माया के 'ट्रिपल झटके' ने फेरा कांग्रेस के अरमानों पर पानी, जानिए वजह

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नई दिल्ली। एक बार फिर से बसपा सुप्रीमो मायावती अपनी पुरानी रंगत में नजर आ रही हैं और इसी वजह से उन्होंने गठबंधन के सहारे सत्ता वापसी का ख्वाब देख रही कांग्रेस को बहुत बड़ा झटका दिया है। बता दें कि राजनीति में कड़े मोलभाव के लिए मशहूर मायावती ने बुधवार को तीन राज्यों (राजस्थान-मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़) में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

माया ने साधा दिग्विजय सिंह पर निशाना

माया ने साधा दिग्विजय सिंह पर निशाना

इस बात का ऐलान करते वक्त माया ने कहा कि राहुल और सोनिया गांधी चाहते थे कि इन विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का बीएसपी के साथ गठबंधन हो लेकिन मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह जैसे नेता कांग्रेस-बीएसपी का गठबंधन नहीं होने देना चाहते थे, जिसके पीछे दिग्विजय सिंह का, निजी स्वार्थ शामिल है इसलिए बसपा अब तीनों जगहों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।

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कर्नाटक मॉडल की तरह कर रही हैं काम

कर्नाटक मॉडल की तरह कर रही हैं काम

इससे पहले कर्नाटक चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने जेडीएस के साथ गठबंधन करके ना केवल वोट बैंक बढ़ाया बल्कि उसका एक उम्मीदवार यहां विजयी भी हुआ जो कि कांग्रेस-जेडीएस सरकार में मंत्री भी है। माया के अलग होकर लड़ने से स्पष्ट रूप से कांग्रेस के वोट्स पर असर पड़ा और स्थिति लोगों के सामने हैं कि जिस चुनाव के पहले कांग्रेस अकेले ही सत्ता पर काबिज होने की बात कर रही थी वो चुनावी नतीजों के ठीक बाद बैकफुट पर आ गई और जेडीएस को बिना शर्त समर्थन दे बैठी। सरकार बनने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने दबी जुबान में मान लिया कि अगर बीएसपी ने दूसरी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया होता या अलग से नहीं लड़ी होती तो उनकी स्थिति बेहतर होती।

आखिर कांग्रेस से क्यों नाराज हुईं माया?

आखिर कांग्रेस से क्यों नाराज हुईं माया?

राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता है, यहां कब, कौन मित्र बन जाए और कौन दुश्मन कहा नहीं जा सकता है, चार महीने पहले जो मायावती, सीएम कुमारास्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में, सोनिया गांधी से बहनों की तरह गले मिल रही थीं, उन्हीं माया ने बुधवार को कांग्रेस को जातिवादी और सांप्रदायिक बताते हुए आरोप लगाया कि वह दूसरे छोटे दलों को खत्म करने के लिए काम कर रही है। इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि देश में बढ़ती महंगाई के लिए केवल मोदी सरकार ही नहीं बल्कि यूपीए की नीतियां भी जिम्मेदार हैं।

मायावती ने कांग्रेस के सारे अरमानों पर पानी फेर दिया

मायावती ने कांग्रेस के सारे अरमानों पर पानी फेर दिया

बसपा सुप्रीमो का रूख बता रहा है कि यूपी में गठबंधन की तस्वीर इन तीनों राज्यों में गठजोड़ के अंतिम रूप ले लेने के बाद ही तय होगी। वैसे कोई ये पहला मौका नहीं है जब माया ने ऐसा कदम उठाया है, इससे पहले गुजरात विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस को माया से बड़ा झटका मिला था, यहां उसे बसपा की वजह से 20 सीटों का नुकसान हुआ था।

माया के हौसले बुलंद हैं

माया के हौसले बुलंद हैं

यही नहीं साल 2014 के आम चुनावों में बीएसपी को 21 प्रतिशत वोट मिले थे, आपको बता दें कि मायावती के समर्थन के बाद एकजुट विपक्ष ने अबतक यूपी में 4 सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को हराया है जिसकी वजह से ही माया के हौसले बुलंद हैं लेकिन उसके बुलंद हौसलों ने कांग्रेस को पस्त कर दिया है।

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English summary
BSP Chief Mayawati’s Diatribe Against Congress A Bid For Hard Bargain. Putting up a brave face, Congress on Wednesday saw a silver lining in BSP supremo Mayawati’s stinging remarks that her party will fight Assembly elections in Madhya Pradesh and Rajasthan alone.
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