लोक कल्याण मित्रों की नियुक्तियां सिर्फ पैसे की बर्बादी: मायावती
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि प्रदेश में लोक कल्याण मित्रों की नियुक्तियां करने का योगी सरकार का फैसला पैसे की बर्बादी के अलावा कुछ नहीं है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया ने शनिवार को कहा कि सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए लोक कल्याण मित्रों की नियुक्ति किया जाना करदाता के पैसे का दुरुपयोग है। लोक कल्याण मित्र के पदों पर सरकार अपने चहेते लोगों की नियुक्ति कर उनको फायदा पहुंचाना चाहती है।
मायावती ने कहा है कि लोक कल्याण मित्रों की नियुक्ति साफतौर पर जनहित के साथ मजाक है, इन नियुक्तियों से जनता को किसी भी प्रकार का लाभ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा जमीन पर कमजोर हो गई है और अपने कार्यकर्ता पर उसे विश्वास नहीं रहा इसीलिए लोक कल्याण मित्रों की नियुक्ति की जा रही है। मायावती ने कहा कि ये फिजूलखर्ची है, बेहतर हो कि इस सब की जगह प्रदेश सरकार राज्य स्तर पर खाली पड़े पदों को भरने के लिए कोई कदम उठाए।
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मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने जिलों में सरकारी योजनाओं के प्रसार के लिए लोक कल्याण मित्रों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सरकार के इस निर्णय में लोक कल्याण मित्रों के लिए शहरी क्षेत्रों में 30 हजार और ग्रामीण क्षेत्रों में 25 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा।