जनहित के लिए लखनऊ गेस्टहाउस कांड को पीछे छोड़ा, सपा से गठबंधन पर मायावती के प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें
जनहित के लिए लखनऊ गेस्टहाउसकांड को पीछे किया
लखनऊ। सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ लखनऊ में साझा प्रेस कॉन्फ्रेस में बसपा मुखिया मायावती ने कहा है कि ये गठबंधन जनता के लिए है। मायावती ने मीडिया से अपने संबोधन में कहा कि ये प्रेस कॉन्फ्रेंस मोदी और शाह की नींद उड़ाने वाली है। जिस तरह से 1993 में मुलायम सिंह यादव और काशीराम ने साथ आकर चुनाव लड़ा और भाजपा को हराकर सरकार बनाई। उसी तरह से एक बार फिर हम भाजपा को हराएंगे। 1995 में लखनऊ में हुए गेस्टहाउस कांड को हमने पीछे छोड़ दिया है क्योंकि जनता का हित सबसे ऊपर है।
उपचुनाव की तरह भाजपा को फिर रोकेंगे: मायावती
1993 में सपा और बसपा साथ आए लेकिन किसी वजह से ये लंबा नहीं चल सका। भाजपा घोर जातिवादी, संकीर्ण और सांप्रदायिक पार्टी है। 1993 में भी जब सपा और बसपा साथ आए तो भाजपा के लोग बहुत दुखी थे और भी बेहद दुखी हैं। इस गठबंधन से देश को और उत्तर प्रदेश को बहुत उम्मीदें हैं। हमारा गठबंधन भाजपा को सत्ता में आने से रोक देगा। बीते कुछ समय में उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनाव में हमने भाजपा को रोककर दिखाया कि हम उन्हें रोक सकते है। ऐसे ही लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में हम भाजपा को रोक देंगे। बसपा प्रमुख ने कहा कि अमेठी और रायबरेली सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी गई है, वहीं सपा और बसपा 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।
कांग्रेस से हमें कोई फायदा नहीं: मायावती
कांग्रेस को गठबंधन में ना रखने पर मायावती ने कहा कि देश में कांग्रेस ने लंबे समय तक शासन किया। इन्होंने अपने शासन में खूब घोटाले किए और लोग उनसे परेशान रहे। रक्षा सौदों में दोनों पार्टियों ने जबरदस्त घोटाले किए। भाजपा और कांग्रेस अलग नहीं है, दोनों का चरित्र एक जैसा है। कांग्रेस ने बोफोर्स किया और भाजपा ने राफेल किया है।
मायावती ने कहा कि हमारा ये अनुभव रहा है कि कांग्रेस का वोट हमें नहीं मिलता वो भाजपा को मिल जाता है या अंदर ही अंदर भाजपा को वोट ट्रांसफर कर दिया जाता है। जबकि हमारे वोट कांग्रेस को जाते हैं। ऐसे में फायदे के बजाय हमें नुकसान हो जाता है।
ये भी पढ़ें- मोदी-शाह की नींद उड़ाने वाला है सपा-बसपा का गठबंधन: मायावती
कांग्रेस ने घोषित, भाजपा ने अघोषित इमरजेंसी लगाई
मायावती ने कहा, कांग्रेस ने 1975 में स्पष्ट इमरजेंसी लगाई और भाजपा ने आज अघोषित इमरजेंसी लगाई है। जो कांग्रेस के साथ 1977 के चुनाव में हुआ वो कांग्रेस के साथ 2019 में होगा। मायावती ने कहा कि शिवपाल यादव को भाजपा आगे बढ़ा रही है और इनसे हमारे गठबंधन को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने अखिलेश यादव के खिलाफ खनन मामले को भी भाजपा की साजिश करार दिया है। मायावती ने साफ किया कि 2019 के बाद भी उनकी पार्टी का सपा से गठबंधन चलता रहेगा।
अखिलेश-माया के लखनऊ में लगे बैनर, लिखा-'सपा व बसपा आई है नई उम्मीद लाई है'