मऊ में हुई हिंसा के बाद 28 लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया, स्कूल-कॉलेज बंद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मऊ में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन सोमवार को काफी उग्र हो गया था। उपद्रवियों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों और दक्षिण टोला थाने को भी आग लगा दी थी। जिसके बाद सरकार ने आजमगढ़ के डीआईजी मनोज तिवारी को हटा दिया है। उनकी जगह रविन्द्र गौड़ को नया डीआईजी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि मनोज तिवारी को छुट्टी पर रहने के चलते उनको हटाया गया है। वहीं मऊ हिंसा के बाद अभी तक 28 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस घटना के बाद मऊ के तमाम स्कूल व कॉलेज को अगले आदेश तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। शहर के जिलाधिकारी ने यह आदेश जारी किया है।
मऊ हिंसा के बारे में जानकारी देते हुए आईजी लॉ एंड ऑर्डर प्रवीण कुमार ने बताया कि अभी तक 28 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हम मामले की जांच कर रहे हैं। गौरतलब है कि 16 दिसंबर को मऊ के हाजीपुरा इलाके में कुछ लोग जामिया मिलिया इस्लामिया की घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़क पर उतर आए थे। पुलिस ने उग्र हुए इन प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया और इसी दौरान कुछ लोगों ने कुछ वाहनों में आग लगा दी। प्रदर्शन के बीच जब पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की तो लोग उग्र हो गए। इसके बाद इन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर और हवाई फायरिंग कर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण टोला थाने को भी आग के हवाले कर दिया था।
हिंसा की खबर मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त नाराजगी जताई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीएम योगी ने मऊ के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ आजमगढ़ के कमिश्नर की जमकर क्लास लगाई। वहीं, सहारनपुर और वाराणसी के डीएम को भी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि प्रशासन, कानून तोड़ने वाले के साथ सख्ती से पेश आएं। सीएम ने कहा कि किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं है।
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