उत्तर भारत में क्यों आया 'रेतीला तूफान', जिसने ली सैकड़ों की जान, जानिए 4 बड़े कारण
लखनऊ। उत्तर भारत में बुधवार देर रात आए आंधी-तूफान ने अब तक 149 लोगों की जान ले ली है। 400 से ज्यादा पशु भी मारे गए। 132 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से आए तूफान से सबसे ज्यादा मौतें यूपी के आगरा में हुई हैं, जहां से 50 से ज्यादा लोगों के मरने की खबर है। इस तूफान ने भयंकर आर्थिक क्षति भी पहुंचाई है। यूपी और राजस्थान इस तूफान की वजह से सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त हुए हैं। दोनों ही राज्यों में काफी आर्थिक नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई कब होगी, कहना मु्श्किल है।
मौसम विभाग का अनुमान गलत
इस तूफान ने एक बार फिर से मौसम विभाग को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है, क्या उसे इस भारी तूफान के बारे में जरा भी अंदाजा नहीं था, जिसकी वजह से वो एलर्ट जारी कर सके। उसकी ओर से मई के पहले हफ्ते की शुरुआत में जो रिपोर्ट दी गई थी उसके मुताबिक 1 मई से 4 मई के दौरान पूर्वी भारत और उत्तर-पूर्वी भारत में तूफान की स्थिति बनने की बात कही गई थी लेकिन इस अनुमान में राजस्थान समेत उत्तर भारत में किसी तरह के रेतीले तूफान और बारिश की बात नहीं कही गई थी। अगर कही जाती थी तो शायद वो नहीं होता जो अब हुआ है।
निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट का अंदाजा सही निकला
तूफान और आंधी के अनुमान बताने में एक बार फिर से हमारे मौसम विभाग के सारे विज्ञान फेल हो गए हैं। हालांकि निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट ने उत्तर भारत में आंधी की आशंका जाहिर की थी।
क्यों आया तूफान?
मौसम विभाग के मुताबिक एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस जम्मू-कश्मीर के ऊपर बना हुआ था और दिल्ली में कम दवाब का क्षेत्र बना था, बंगाल की खाड़ी से आ रही हवाओं और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के बीच टकराव हुआ, जिसने तूफान का रूप धारण कर लिया। इस रेतीले तूफान के चार मुख्य कारण रहे- अत्यधिक गर्मी, नमी की मौजूदगी, वातावरण में अस्थिरता और तूफानी सक्रियता।
क्या होती है आंधी?
आंधी और तूफान वायुमंडल में होने वाले उन परिवर्तनों को कहते हैं, जिनमें हवा सामान्य वेग से न चलकर तेज़ गति से चलने लगती है। सभी आंधी और तूफान एक जैसे नहीं होते। कुछ तूफान ऐसे होते हैं, जिनसे धरती का थोडा सा ही क्षेत्र प्रभावित हो पता है और कुछ इतने विशाल होते हैं, जो हज़ारों कि. मी. तक प्रभाव डालते हैं, जब हवा तेजी से चलती है, तो उसे आमतौर पर आंधी कहा जाता है। यदि इस आंधी में धुल कि मात्रा बहुत अधिक होती है, तो इसे धूल भरी आंधी कहते हैं।
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