डायनासोर की उत्पत्ति पर वैज्ञानिकों का बड़ा खुलासा, पढ़िए पूरी खबर
इस संकट को मास इक्सटिंक्सन यानी सामूहिक तौर पर विनाश कहा जाता है। इस संकट के दौरान पृथ्वी से बड़ी संख्या में जीव और पौधे विलुप्त हो गए थे
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नई दिल्ली। डायनासोर के बारे में सुन-सुनकर और हॉलीवुड की बेहतरीन फिल्में देख-देखकर एक पीढ़ी बड़ी हुई है। 1993 में आई 'जुरासिक पार्क' फिल्म के बाद अब तक आई कुल चार फिल्में सुपर डुपर हिट रही हैं, तो 2018 में इस सीरीज की फालेन किंगडम का इसके फैंस बेसब्री से इन्तजार कर रहे होंगे! जाहिर तौर पर डायनासोर और उनकी कहानी लोगों को जबरदस्त ढंग से अपनी ओर खींचती रही है। डायनासोर पृथ्वी से कैसे विलुप्त हो गए, इसकी कई वजहें बताई गई हैं और कई तरह की कहानियां भी कही जाती हैं। हाल ही में आए एक अध्ययन में डायनासोर की उत्पत्ति पर प्रकाश डालने की कोशिश की गई है।
'23.2 करोड़ वर्ष पहले विस्तार शुरू हो गया था'
नए अध्ययन में सामने आया है कि कि 23.2 करोड़ वर्ष पहले जब बड़े पैमाने पर जीव पृथ्वी से लापता होने लगे थे तभी डायनोसोर का विस्तार होना शुरू हो गया था। 'नेचर कम्यूनिकेशन्स' में प्रकाशित एक अध्ययन में इटली के म्यूजियम ऑफ साइंस, यूनिवर्सिटिज ऑफ फेरेरा एंड पाडोवा और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के वैज्ञानिकों ने बताया है कि डायनासोर का विस्तार भी एक संकट से ही हुआ था।
डायनासोर के पैरों के निशान और अस्थिपंजर इसी कहानी की ओर इशारा करते हैं
इस संकट को मास इक्सटिंक्सन यानी सामूहिक तौर पर विनाश कहा जाता है। इस संकट के दौरान पृथ्वी से बड़ी संख्या में जीव और पौधे विलुप्त हो गए थे। उत्तरी इटली के डोलोमाइट्स में मिले डायनासोर के अवशेषों के बारे में अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि पहले डायनासोर के निशान नहीं मिलते हैं लेकिन बाद में कई डायनोसोर के निशान मिलने लगते हैं। ब्रिस्टल में रिसर्च एसोसिएसट एवं म्यूजियम ऑफ साइंस के निरीक्षक ने बताया- हम यह देखकर उत्साहित हैं कि डायनासोर के पैरों के निशान और अस्थिपंजर इसी कहानी की ओर इशारा करते हैं। हमने कुछ समय तक डोलोमाइट्स में डायनासोर के पैरों के निशान का अध्ययन किया था। इससे पृथ्वी पर डायनासोर के नामो निशान नहीं होने से लेकर इनकी संख्या में बढ़ोतरी होने का पता चलता है।
कैसे मरे डायनासोर?
एक शोध में वैज्ञानिकों ने कहा था कि 66 लाख साल पहले एक क्षुद्रग्रह या धूमकेतु आकर पृथ्वी से टकराया। इसके कारण भारत में एक विशाल ज्वालामुखी विस्फोट भी हुआ। इस दौरान पृथ्वी पर मौजूद प्रजातियों में से 70 प्रतिशत का सफाया हो गया। इन्हीं में से एक डायनासोर भी थे।
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