सीतारमण के बयान पर मारुति सुजुकी- मंदी के लिए ओला उबर को नहीं ठहरा सकते जिम्मेदार
मंदी के लिए ओला उबर को नहीं ठहरा सकते जिम्मेदार: मारुति सुजुकी
नई दिल्ली। देश में ऑटो सेक्टर में आई भारी सुस्ती के पीछे वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के ओला उबर को जिम्मेदार बताने से मारुतु सुजुकी ने असहमति जताई है। देश की बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की ओर से कहा गया है कि ओला उबर की इसमें कोई बड़ी भूमिका नहीं है। मारुति सुजुकी के मार्केटिंग और सेल्स एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर शशांक श्रीवास्तव ने कहा है कि मंदी के कारणों को लेकर स्टडी की जरूरत है। ओला और उबर ऑटो इंडस्ट्री में मंदी के ठोस कारण नहीं हैं।
हाल ही में निर्मला सीतारमण ने कारों की बिक्री में गिरावट के लिए ओला और उबर जैसे टैक्सी एग्रीगेटर्स को जिम्मेदार ठहराया है। वित्तमंत्री ने कहा कि लोग ओला उबर की सर्विस को गाड़ी खरीदने की तुलना में ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इस वजह से ऑटो सेक्टर में गिरावट है।
मारुति सुजुकी के मार्केटिंग और सेल्स एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर शशांक श्रीवास्तव ने सीतारमण के बयान पर एक इंटरव्यू में कहा कि मौजूदा मंदी के पीछे ओला और उबर जैसे निष्कर्षों पर पहुंचने से पहले हमें इसकी वजहों को जानने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ओला और उबर जैसी सेवायें पिछले 5-6 साल से ही आई हैं। बीते 6 साल में ओला-उबर की मौजूदगी के बाद भी ऑटो इंडस्ट्री ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। सिर्फ पिछले कुछ महीनों में ऐसा क्या हुआ कि मंदी से हमारा सामना हुआ। नहीं लगता कि ओला और उबर इसकी वजह है।
शशांक श्रीवास्तव ने ये भी कहा कि भारत में कार खरीदने को लेकर लोगों की सोच में भी कोई बदलाव हाल-फिलहाल में नहीं आया है। लोग अपनी जरूरत और शौक पूरा करने के लिए कार खरीदते हैं। ऐसे में जरूरत और पैसा होने पर भी लोग कार ना खरीद रहे हों, ऐसा नहीं लगता।
बता दें कि भारत में ऑटो सेक्टर में दो दशक की सबसे बड़ी मंदी देख रहा है। अगस्त में लगातार दसवें महीने अगस्त में यात्री वाहनों की बिक्री कम हुई है। भारतीय आटोमोबाइल विनिर्माता सोसायटी (सियाम) के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2019 में घरेलू बाजार में कारों की बिक्री 41.09 प्रतिशत घटी है। इस दौरान दुपहिया वाहनों की बिक्री 22.24 प्रतिशत घटी है।
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने बीते हफ्ते अपने गुरुग्राम और मानेसर प्लांट को दो दिन के लिए बंद रखा था। ट्रक बनाने वाली कंपनी अशोक लेलैंड, दुहपिया वाहन बनाने वाली हीरो और कई कंपनियां उत्पादन बंद कर रही हैं। ऐसा मांग घटने की वजह से हो रहा है। बीते कुछ महीने में बड़ी संख्या में ऑटो सेक्टर में नौकरियां चली गई हैं।
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