शहीद औरंगजेब के दोनों भाई बने सेना का हिस्सा, बड़े भाई की तरह देश सेवा का वादा
श्रीनगर। शहीद जवान औरंगजेब जिनकी पिछले वर्ष जम्मू कश्मीर में आतंकियों ने हत्या कर दी थी, अब उनके दोनों छोटे भाई सेना में शामिल हुए हैं। भाईयों का कहना है कि उनके बड़े भाई औरंगजेब से ही उन्हें प्रेरणा मिली और इसलिए वह सेना में शामिल हुए हैं। औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ भी सेना से रिटायर हैं और अब उनके भाईयों ने भी देश सेवा का प्रण ले लिया है। जम्मू कश्मीर लाइट इंफेंट्री में तैनात जवान औरंगजेब के भाई मोहम्मद तारिक और मोहम्मद शब्बीर इस समय सेना में ट्रेनिंग ले रहे हैं। उनके पिता जो एक्स-सर्विसमैन हैं, उन्होंने इसका जानकारी दी है।
पंजाब रेजीमेंट से जुड़े मोहम्मद तारिक और शब्बीर
मोहम्मद तारिक और शब्बीर दोनों पंजाब रेजीमेंट के साथ हैं। पिता मोहम्मद हनीफ ने बताया कि उनके दोनों बेटों को भाई की अचानक हुई मौत ने जरा भी नहीं डराया बल्कि वह भी अपने भाई की ही तरह देश की सेवा करना चाहते थे। मोहम्मद हनीफ कहते हैं कि दोनों ही भाईयों में वही समर्पण भाव और देशभक्ति है जो औरंगजेब में थी। वहीं मोहम्मद तारिक और मोहम्मद शब्बीर के मुताबिक जैसे उनके भाई देश के लिए शहीद हुए हैं, वैसे ही वह भी देश के लिए कुछ करना चाहते हैं।
ईद की छुट्टी पर घर जाते समय हत्या
औरंगजेब की पिछले वर्ष आतंकियों ने उस समय हत्या कर दी थी जब वह ईद की छुट्टी पर अपने घर जा रहे थे। 14 जून 2018 को जब वह अपने घर के रास्ते पर थे तभी उन्हें आतंकियों ने किडनैप कर लिया था। इसी दिन देर रात उनकी लाश आर्मी ऑफिसर्स को मिली थी। औरंगजेब का शव दक्षिण कश्मीर के पुलवामा से 10 किलोमीटर दूर कलामपोरा के गांच गुसू में मिला था। यहीं से आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया था। वह पुंछ के रहने वाले थे।
सर्वोच्च सम्मान शौर्य चक्र से सम्मानित
औरंगजेब ने शोपियां में अपने कैंप से घर जाने के लिए प्राइवेट गाड़ी में लिफ्ट ली थी। आतंकियों को पहले से उनके बारे में जानकारी थी और जैसे ही वह निकले उन्होंने उनकी कार रोकर उनका अपहरण कर लिया था। औरंगजेब 44 राष्ट्रीय राइफल्स के साथ अटैच्ड थे और उनका कैंप शोपियां के शादीमर्ग में था। उनकी हत्या के बाद उनका एक वीडियो भी रिलीज हुआ था। इस वीडियो में औरंगजेब, आतंकियों के सामने एक बहादुर की तरह नजर आ रहे थे। उन्होंने आतंकियों के किसी भी सवाल का जवाब जगह शहीद हो जाना बेहतर समझा। औरंगजेब को देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मान शौर्य चक्र से नवाजा गया था।
पूरा परिवार सेना के साथ
औरंगजेब का परिवार कई वर्षो से सेना के साथ जुड़ा हुआ है। उनके पिता सेना से रिटायर हैं तो उनके चाचा की मौत आतंकियों से लड़ते हुए साल 2004 में हो गई थी। उनके भाई भी सेना में हैं। औरंगजेब का पूरे सम्मान के साथ शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया।औरंगजेब के सिर और गले में गोली मारी गई थी।औरंगजेब सेना की उस टीम में शामिल थे जिसने हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी समीर टाइगर को मारने में कामयाबी हासिल की थी।