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मंगलयान की मंगलमय यात्रा के साथ चीन से आगे निकला भारत

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श्रीहरिकोटा। भारत के पहले मंगलयान को लेकर एक भारतीय प्रक्षेपण यान ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र स्थित प्रक्षेपण मंच से मंगल ग्रह के लिए प्रस्थान किया। मंगलयान को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। मंगलयान की इस मंगलमय यात्रा के साथ भारत अब चीन से भी आगे निकल गया है। जी हां मंगल मिशन को लेकर भारत पहला एशियाई देश बन गया है।

ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान-सी25 (पीएसएलवी-सी25) ने ठीक अपराह्न् 2.38 बजे प्रस्थान किया। प्रक्षेपण यान लगभग 44 मीटर ऊंचा और लगभग 320 टन वजनी है। प्रक्षेपण यान ने नारंगी रंग का धुआं छोड़ते हुए अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने कहा कि हीट शील्ड नियत समय पर प्रक्षेपण यान से अलग हो गया और अभियान सही रास्ते पर है। इसरो के अधिकारियों को उम्मीद है कि यह महत्वपूर्ण मिशन एक बड़ी सफलता होगी।

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इस मौके पर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मैं इस 'मंगल मिशन' से जुड़े हुए प्रत्‍येक शख्‍स को बधाई देता हूं और उम्‍मीद करता हूं कि भारत अंतरिक्ष में अब नई ऊंचाईयों को छुएगा। पिछली बार जब इसरो ने चंद्रयान लांच किया था तो मैं वहां गया था। इस बार मैं वहां नहीं जा सका। मैं इसरो की पूरी टीम को बधाई देता हूं।

भारत पहला एशियाई देश

भारत पहला एशियाई देश

भारत पहला एशियाई देश है जो 40 करोड़ किलोमीटर दूर लाल मंगल ग्रह पर यान भेज रहा है।

450 करोड़ रुपए खर्च

450 करोड़ रुपए खर्च

इस परियोजना की कुल लागत लगभग 450 करोड़ रुपये है। प्रक्षेपण यान की लागत 110 करोड़ रुपये और मंगलयान की लागत 150 करोड़ रुपये है। शेष रकम जमीनी सहायता व निगरानी प्रणाली को चुस्त करने पर खर्च हुई है।

100 से ज्‍यादा अंतरिक्ष मिशन

100 से ज्‍यादा अंतरिक्ष मिशन

भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत 1975 में एक रूसी प्रक्षेपण यान के जरिए आर्यभट्ट के प्रक्षेपण के साथ की थी और अबतक देश ने 100 से अधिक अंतरिक्ष मिशन पूरे कर लिए हैं।

30 नवम्‍बर तक

30 नवम्‍बर तक

इसरो के अधिकारियों के अनुसार मंगलयान 30 नवंबर तक धरती की कक्षा में रहेगा और उसके बाद उसकी मोटरों को मंगलग्रह की ओर जाने के लिए दागा जाएगा।

300 दिन तक बंद रहेंगी मोटरें

300 दिन तक बंद रहेंगी मोटरें

ये मोटरें करीब 300 दिन तक बंद रहेंगी क्योंकि यान स्याह शून्य में मंगल ग्रह की ओर बढ़ेगा। मंगलयान के मंगलग्रह के नजदीक पहुंचने के बाद मोटरों को फिर चालू किया जाएगा। जिससे मंगल यान मंगल ग्रह की कक्षा में स्थापित हो सके। यह कार्रवाई सितंबर 2014 में जाकर पूरी होगी।

English summary
As the the nation waited with bated breath, the launch for the Mars Orbiter took off successfully. The orbiter took off at 2.38 pm from here.
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