मार्कंडेय काटजू रंजन गोगोई पर हुए हमलावर, बोले 40 साल के करियर में मैंने कई जज देखे पर..
मार्कंडेय काटजू रंजन गोगोई पर हुए हमलावर, बोले 40 साल के करियर में ऐसा कोई नहीं देखा
नई दिल्ली। पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज हैं मार्कंडेय काटजू ने बेहद कड़े शब्दों में हमला बोला है। गोगोई के राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर काटजू ने कहा है कि गोगई से बेशर्म और हल्का इंसान मैंने अपने करियर में नहीं देखा है। 40 साल के करियर के आधार पर कह सकता हूं कि ये आदमी बेहद घटिया है।
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सोशल मीडिया पर लिखी पोस्ट
मार्कंडेय काटजू ने रंजन गोगोई को लेकर सोशल मीडिया पर लिखी पोस्ट में कहा है- मैं 20 साल तक वकील और 20 तक जज रहा हूं। अपने करियर में मैंने कई अच्छे जजों को भी देखा और कई बुरे जजों से भी वास्ता पड़ा। कह सकता हूं कि मैं भारतीय न्यायपालिका में किसी भी न्यायाधीश को इस यौन विकृत रंजन गोगोई जितना बेशर्म और अपमानजनक नहीं मानता। शायद ही कोई दोष है, जो इस आदमी में ना हो। अब ये दुष्ट और धूर्त भारतीय संसद की शोभा बढ़ाएगा।
कई पूर्व जजों ने भी उठाए सवाल
रंजन गोगोई के राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट में उनके साथी रहे जजों ने भी सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट में गोगोई के समकक्ष रहे सेवानिवृत्त जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा है कि क्या आखिरी किला भी ढह गया है? उन्होंने ये न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और अखंडता को लेकर कहा है।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज कुरियन जोसेफ नने कहा कि वे हैरान हैं कि जिस सीजेआई ने कभी न्यायपालिका की निष्पक्षता और आजादी के लिए ऐसा साहस दिखाया था, उन्होंने ही आजादी के सिद्धांत से समझौता कर लिया। गोगोई ने न्यायपालिका की आजादी पर आम आदमी के यकीन को हिला दिया है और यह आजादी ही भारत के संविधान के मूल में हैं।
गोगोई ने क्या कहा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को रंजन गोगोई के राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। भारत के 46 वें मुख्य न्यायाधीश रहे रंजन गोगोई पिछले साल 17 नवंबर को पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनको राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने के बाद ना सिर्फ विपक्षी पार्टियों के नेताओं बल्कि कई पूर्व मंत्रियों, पूर्व जजों और संगठनों ने भी सवाल उठाए हैं।
वहीं गोगोई ने राज्यसभा जाने को लेकर कहा है कि उन्होंने ये इसलिए स्वीकार किया ताकि विधायिका और न्यायपालिका में सामंजस्य हो। उनका कहना है कि संसद में उनकी उपस्थिति विधायिका के समक्ष न्यायपालिका और न्यायपालिका के समक्ष विधायिका का दृष्टिकोण रखने का अवसर होगी।
रंजन गोगोई अपनी ईमानदारी से समझौता करने के लिए याद किए जांएगे: सिब्बल