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मराठा आरक्षण पर राजी हुए सीएम फडणवीस, बोले- ऐसा आरक्षण देंगे जिसे कोर्ट भी न ठुकरा सके

By Ankur Kumar Srivastava
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मुंबई। महाराष्ट्र आरक्षण आंदोलन को लेकर लोगों के बीच बढ़ते रोष और हिंसा को देखते हुए आज यानी गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आरक्षण देने का फैसला किया है। फडणवीस ने ऐलान किया कि राज्य के तमाम नेताओं और विभिन्न क्षेत्रों से बातचीत के बाद मराठाओं को आरक्षण देने का फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि राज्य में मराठा आरक्षण को लेकर विभिन्न जगहों पर आंदोलन हुए, जोकि कई जगह पर हिंसक भी हो गए थे। आपको बता दें कि मुद्दे पर आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठा समाज के अलग-अलग क्षेत्रो के प्रतिष्ठित लोगों के साथ बैठक की।

मराठा आरक्षण पर राजी हुए सीएम फडणवीस, बोले- ऐसा आरक्षण देंगे जिसे कोर्ट भी न ठुकरा सके

सह्याद्री सरकारी गेस्ट हाउस पर करीबन ढाई घंटे तक बैठक चली। इस बैठक के बाद सरकार और मराठा समाज के प्रतिषठित प्रतिनिधियों ने संयुक्त बयान जारी किया। सरकार की तरफ से कहा गया कि कोर्ट जिसे ठुकरा न सके ऐसे आरक्षण देंगे। इसके अलावा सरकार एवं मीटिंग में शामिल लोगों ने मराठा समाज के लोगों से आत्महत्या न करने और साथ ही मराठा क्रांति मोर्चा को हिंसक आंदोलन न करने की अपील भी की। बताते चलें कि आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के दौरान राज्य में अब तक 6 युवाओं ने आत्महत्या कर ली है।

इसके साथ ही लातूर जिले में 8 प्रदर्शनकारियों ने आत्मदाह करने की भी कोशिश की थी। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं के साथ आज मीटिंग हुई और मराठाओं को कानूनी तरीके से आरक्षण देने के लिए एक संयुक्त बयान पर दस्तखत किए गए। राज्य सरकार मराठा आरक्षण के समर्थन में पूरी तरह से खड़ी है। हम इसे जल्द से जल्द करने के लिए जरूरी प्रक्रिया के हिसाब से चल रहे हैं।

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माना जा रहा है कि नवंबर के शुरुआती दिनों में मराठा आरक्षण बिल लाया जा सकता है। इस बैठक में सीएम फडणवीस, कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल, विनोद तावड़े, सुभाष देषमुख, शिवसैना मंत्री एकनाथ शिंदे, विनायक मेटे, फिल्म क्षेत्र से अमोल कोल्हे, नितिन चंद्रकांत देशाई, रीटायर्ड जज बी एन देशमुख, विचारक सालुंखे, इतिहासकार पांडूरंग बलकवड़े और मराठा समाज के प्रतिनिधी मौजूद रहे। मीटिंग के बाद लोग सरकार के बयान से संतुष्ठ नजर आए।

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English summary
After days of protests across Maharashtra over demands of reservation for the Maratha community, the state government has finally relented and said that they would looking to the demands.
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