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लद्दाख के इस इलाके को कहा जाता है एलियंस का बेस, लोगों के जाने पर भी है रोक

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नई दिल्ली: दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है लद्दाख। आज कल यहां थोड़ा माहौल गरम है, क्योंकि पिछले एक साल के अंदर कई बार भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हो चुकी है। लद्दाख खूबसूरती के साथ ही अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए है। ऐसी ही एक जगह है 'कोंगका ला पास'। जिसको कई लोग UFO यानी उड़न तश्तरी का बेस भी कहते हैं। यहां पर कई बार एलियंस देखे जाने का दावा स्थानीय लोगों ने किया है।

आसमान में दिखी थी चमकीली रोशनी

आसमान में दिखी थी चमकीली रोशनी

वैसे तो इस इलाके में कोई रहता नहीं है, लेकिन लद्दाख के लोगों ने कई बार यहां पर UFO देखे जाने का दावा किया है। 2004 में कुछ वैज्ञानिक यहां पर खोज का काम कर रहे थे। इस दौरान उन्हें वहां रोबोट जैसा कुछ चलता हुआ दिखा। वैज्ञानिकों के मुताबिक जैसे ही वो वहां पहुंचे, वो रहस्यमयी चीज गायब हो गई। 2012 में भी ऐसी घटना सामने आई थी। उस दौरान भारतीय सेना और ITBP ने दिल्ली मुख्यालय को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उन्होंने इलाके में अनइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट (UFOS) देखा है। लेह के थाकुंग में स्थित आईटीबीपी यूनिट के दावे के मुताबिक एक चमकदार चीज आसमान में 1 अगस्त से 15 अक्टूबर के बीच कई बार देखी गई थी।

इलाके को लेकर विवाद

इलाके को लेकर विवाद

कोंगका ला पास को कोंगका दर्रा भी कहते हैं। इसको लेकर भारत-चीन में वर्षों से विवाद रहा है। इस इलाके में तनाव सन् 1959 में चरम पर था। उस दौरान चीनी सैनिकों ने चुपके से यहां हमला बोला था, जिसमें 10 भारतीय जवानों की मौत हो गई थी। इसके साथ ही साथ कई सैनिकों को चीनी सेना ने गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि बाद में कूटनीतिक तरीके से इस विवाद का हल निकाला गया और इस पर एक समझौता भी हुआ। तब से दोनों देशों की सेना यहां पेट्रोलिंग नहीं करती हैं। साथ ही आम लोगों के भी यहां जाने पर रोक लगा दी गई है।

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सबकी अलग-अलग थ्योरी

सबकी अलग-अलग थ्योरी

कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां UFO बेस जैसा कुछ नहीं है। उनके मुताबिक जब वहां पर आने-जाने पर पाबंदी है, तो लोग UFO कैसे देख लेते हैं। भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक कोंगका में जो परत है वो दुनिया की सबसे प्राचीन परत है। यहां पर पपड़ी की गहराई दुनिया के बाकी हिस्सों से दोगुनी है, साथ ही ये मजबूत चट्टानों से बनी है। जिस वजह से UFO बेस की धारणा को बल मिलता है। 2012 में आसमान में जो चमकदार चीज दिखी थी, उसकी पहचान नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन और DRDO नहीं कर पाए थे। ऐसे में लोगों का मानना है कि वो UFO ही था। वहीं 2006 में यूएफओ जैसी एक तस्वीर वायरल हुई थी। उस दौरान उसे गूगल सैटेलाइट इमेज बताया गया था।

एक साल से विवाद जारी

एक साल से विवाद जारी

आपको बता दें कि पिछले साल मई के पहले हफ्ते में सिक्किम और लद्दाख में भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। उस दौरान दोनों तरफ के जवानों को हल्की चोटें आईं। सिक्किम में तो मामला शांत है, लेकिन लद्दाख में अभी भी गहमागहमी जारी है। दोनों देशों ने कई दौर की बैठकें की लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकला।

(तस्वीरें- प्रतीकात्मक)

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English summary
Many people claim to UFO base in Kongka La area of Ladakh
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