क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

झारखंड में नक्सली पहले दूसरों को बनाते थे MP- MLA, अब खुद बन रहे ‘माननीय’

Google Oneindia News

नई दिल्ली। झारखंड एक नक्सल प्रभावित राज्य है इसलिए यहां की राजनीति में इनका काफी दखल रहा है। नक्सली पहले नेताओं को चुनाव जीतने में मदद करते थे। अब वे खुद चुनाव लड़ कर MP-MLA बनने लगे हैं। नक्सलियों को लगभग सभी दलों ने खुले दिल से स्वीकार किया। चुनाव जीतने के लिए उन्होंने लोक-लाज की जरा भी परवाह नहीं की। पौलुस सुरीन नक्सली पीएलएफआइ के कमांडर रह चुके हैं। झामुमो के टिकट पर वे तोरपा से दो बार विधायक चुने जा चुके हैं। इस बार भी उनको टिकट मिलेगा। चर्चा है कि इस बार पौलुस सुरीन को चुनौती देने के लिए भाजपा भी एक सक्रिय नक्सली की पत्नी को मैदान में उतारने वाली है। पीएलएफआइ के कमांडर जीदन गुड़िया की पत्नी जोनिका गुड़िया ने भाजपा की सदस्यता ली है। जोनिका खूंटी जिला परिषद की अध्यक्ष भी हैं। नीरज गंझू उर्फ नीरज भोक्ता को टीपीसी का पूर्व नक्सली माना जाता है। अब नीरज कांग्रेस के नेता हैं और कांके सीट से टिकट के दावेदार भी हैं। 2014 में झोविमो से जीते विधायक गणेश गंझू अब भाजपा में हैं। सीटिंग विधायक होने के नाते उन्हें भी टिकट चाहिए। गणेश गंझू के भाई ब्रजेश गंझू को एनआइए टेरर फंडिंग मामले में तलाश कर रही है।

कांग्रेस विधायक का नक्सली कनेक्शन !

कांग्रेस विधायक का नक्सली कनेक्शन !

2009 में कांग्रेस ने योगेन्द्र साव को बड़कागांव से अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने इस सीट पर पहली बार कांग्रेस को जीत दिलायी। हेमंत सोरेन की सरकार में योगेन्द्र साव को कृषि मंत्री बनाया गया था। इस बीच योगेन्द्र साव पर नक्सली संगठन चलाने का आरोप लगा। एक गिरफ्तार नक्सली ने बताया था कि योगेन्द्र साव और उनके भाई राजू साव नक्सली संगठन चलाते हैं। मामला तूल पकड़ने के बाद सितम्बर 2014 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने साव को इस्तीफा देने के लिए कहा। मजबूर हो कर योगेन्द्र साव मंत्री पद छोड़ना पड़ा। इससे कांग्रेस की खूब किरकिरी हुई। फिर योगेन्द्र साव फरार हो गये। उनके दिल्ली में छिपे होने सी सूचना पर झारखंड पुलिस ने दिल्ली पुलिस के सहयोग से उन्हें दिल्ली के शकूरपुर में गिरफ्तार किया गया था। नक्सली संगठन चलाने के आरोप में पहली बार झारखंड को कोई विधायक गिरफ्तार हुआ था। 2015 में हजारीबाग की अदालत ने योगेन्द्र साव को रंगदारी मांगने का दोषी पाया था और ढाई साल की सजा सुनायी थी। इसके बाद भी कांग्रेस ने योगेन्द्र साव से परहेज नहीं किया। 2014 में उसने योगेन्द्र साव की पत्नी निर्मला देवी को बड़कागांव से टिकट दिया और वे जीतीं भी। सीटिंग विधायक होने के कारण उनका टिकट फिर पक्का है।

झामुमो से पूर्व नक्सली MP-MLA बने

झामुमो से पूर्व नक्सली MP-MLA बने

पूर्व नक्सली पौलुस सुरीन अभी झामुमो विधायक हैं। आदिवासियों की राजनीति करने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 2009 में कुख्यात नक्सली कमांडर कामेश्वर बैठा को पलामू से सांसद बनाया था। बैठा ने जेल से ही चुनाव जीता था। जब 2005 में गिरफ्तारी हुई थी तब कामेश्वर बैठा 46 आपराधिक मामले दर्ज थे। पुलिस ने उन पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था। एक समय कामेश्वर बैठा को बिहार-झारखंड का सबसे खूंखार नक्सली माना जाता था। 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले बैठा ने भाजपा का दामन थाम लिया। लेकिन जब टिकट नहीं मिला तो तृणमूल कांग्रेस में चले गये। कामेश्वर बैठा का इकबाल खत्म हो चुका था। सांसद रहते हुए उन्हें केवल 37 हजार वोट मिले। 2019 लोकसभा चुनाव के समय बैठा कांग्रेसी बन गये थे। लेकिन महागठबंधन के सीट बंटवारे में पलामू सीट राजद के खाते में चली गयी तो बैठा की उम्मीदों पर पानी फिर गया। थक हार कर वे फिर तृणमूल कांग्रेस में लौट आये हैं।

चुनाव जीतने के लिए नक्सलियों से मदद !

चुनाव जीतने के लिए नक्सलियों से मदद !

पूर्व आइपीएस अफसर डॉ. अजय कुमार ने झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर 2011 में जमशेदपुर लोकसभा उपचुनाव जीता था। अजय कुमार ने तब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी को करीब डेढ़ लाख मतों के अंतर से हराया था। चुनाव के समय एक ऑडियो टेप सार्वजनिक हुआ था। इस टेप में अजय कुमार शीर्ष नक्सली नेता समरजी से चुनाव में मदद की गुजारिश कर रहे होते हैं। उस समय समर जी सीपीआइ माओवादी संगठन के बिहार-झारखंड-ओडिशा जोन के महासचिव हुआ करते थे। टेप में अजय कुमार, समर जी से कह रहे होते हैं, आप लोगों को इतना प्रभाव है कि अगर आप लोग बोल दीजिएगा तो फिररफर कोई माई का लाल रोक नहीं सकता। अजय कुमार ने इस टेप को भाजपा की साजिश बताया था। इसके बाद अजय कुमार 2014 में कांग्रेस में शामिल हो गये। कांग्रेस ने उन्हें झारखंड का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया। अगस्त 2019 में अजय कुमार ने कांग्रेस के कुछ नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा कर पार्टी छोड़ दी। अब वे केजरीवाल की पार्टी में हैं।

Comments
English summary
many Maoists becomes MP MLA in Jharkhand assembly elections
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X