देश के ज्यादातर कोरोना प्रभावित जिलों में नहीं है टेस्टिंग लैब, बड़े राज्यों में भी स्थिति चिंताजनक
नई दिल्ली: पिछले दो महीनों से देश में लॉकडाउन लागू है, इसके बावजूद कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना को रोकने के लिए सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन वो नाकाफी साबित हो रहे हैं। WHO में मुताबिक लॉकडाउन से कोरोना नहीं रुक सकता है, इसके लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करनी होगी। भारत में टेस्टिंग की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन कई कोरोना प्रभावित जिले ऐसे हैं, जहां टेस्टिंग लैब मौजूद नहीं हैं। जिस वजह से जांच रिपोर्ट में देरी हो रही है, साथ ही संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है।
630 जिलों में कोरोना के मरीज
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कुल 736 जिले हैं, जिसमें से 630 जिलों में कोरोना के केस आए हैं। इसमें से दो तिहाई जिलों में कोरोना जांच की लैब नहीं है। मौजूदा वक्त में सिर्फ 238 जिलों में कोविड-19 की जांच के लिए सरकारी लैब उपलब्ध है। वहीं 50 जिलों की प्राइवेट लैब्स में कोरोना जांच की व्यवस्था है। देश के लगभग आधे लैब पांच राज्यों में केंद्रित हैं, जिसमें तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और गुजरात शामिल हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में कोरोना जांच की स्थिति संतोषजनक नहीं है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सिर्फ 28 लैब हैं, जबकि बिहार में लैब की संख्या सिर्फ 15 है। इन राज्यों में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों की वापसी हो रही है, जिस वजह से यहां ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग की जरूरत है।
कोरोना प्रभावित राज्यों में बढ़ी लैब की संख्या
मई में सरकार ने कोविड-19 टेस्ट लैब की संख्या बढ़ाई थी, इन्हें सिर्फ कोरोना से ज्यादा प्रभावित राज्यों जैसे महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में स्थापित किया गया। वहीं बिहार,यूपी और ओडिशा में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसके बावजूद वहां सिर्फ 26 नए लैब स्थापित की गईं। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सरकार का पूरा फोकस टेस्टिंग को बढ़ाना है। मौजूदा वक्त में देश में 579 ICMR स्वीकृत लैब्स हैं। इसमें से 407 सरकारी और 180 निजी स्वामित्व वाली हैं। फिलहाल रोजाना एक लाख से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं।
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तेजी से बढ़ रहे आंकड़े
कोरोना वायरस का कहर देश में तेजी से बढ़ता जा रहा है। जहां अब तक 1,31,985 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से 3869 मरीजों की मौत हुई है, जबकि 54,427 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। ऐसे में मौजूदा वक्त में एक्टिव केस की संख्या 73,427 ही है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए देश में 31 मई तक चौथे चरण का लॉकडाउन जारी है। वहीं प्रवासी श्रमिकों को लगातार सरकार घर भेज रही है, जिस वजह से मामले बढ़ते जा रहे हैं।