प्रदर्शनकारी किसानों से मनोहर लाल खट्टर की अपील, आंदोलन छोड़ बातचीत का रास्ता अपनाएं
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठन आंदोलित हैं और दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। किसानों को रोकने के लिए जिसे रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने दिल्ली से सटे जिलों में भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया। साथ ही रास्ते बाधित कराए हैं। इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों से अपील की है कि वह बातचीत का रास्ता अपनाएं, केंद्र सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। मनोहर लाल खट्टर ने कहा, 'मेरी सभी किसान भाइयों से अपील है कि अपने सभी जायज मुद्दों के लिए केंद्र से सीधे बातचीत करें। आन्दोलन इसका जरिया नहीं है- इसका हल बातचीत से ही निकलेगा।'
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किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने बैरिकेडिंग लगा रखी है मगर फिर भी सैकड़ों किसानों का जत्था टिकरी बॉर्डर से आगे बढ़ रहा था इसी दौरान उनकी पुलिस से भिड़ंत हुई। 'दिल्ली कूच' के साथ एकत्रित हुए किसानों पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। जिससे कई किसान जख्मी हुए हैं। वहीं, इससे पहले पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल कर उन्हें हटाने का प्रयास किया, हालांकि किसान फिर भी नाकों पर अड़े हैं।
पुलिस के अनुमान के अनुसार हरियाणा और पंजाब से तकरीबन तीन लाख किसान दिल्ली पहुंचने के लिए तैयार हैं। ये किसान 3 अलग-अलग संगठनों से जुड़े हैं। इसमे संयुक्त मोर्चा के किसन भी हिस्सा ले रहे हैं जोकि 470 किसान यूनियनों का संगठन है। ये किसान दिल्ली में अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले दिल्ली पुलिस ने प्रदेश की आम आदमी पार्टी सरकार से स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाने की अनुमति मांगी थी लेकिन दिल्ली सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। दिल्ली पुलिस ने 9 स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाने की अनुमति मांगी थी ताकि किसानों को यहां नजरबंद किया जा सके। लेकिन इसकी अनुमति देने से इनकार करने के बाद सत्येंद्र जैन ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का किसानों को संवैधानिक अधिकार है और केंद्र सरकार को किसानों की मांग को तत्काल स्वीकार कर लेना चाहिए।
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