भारत की आर्थिक महामारी पर काबू पाने के लिए मनमोहन सिंह ने बताई तीन दवाई
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है। देश के कई सेक्टर बुरे दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में बेरोजगारी बढ़ने की भी उम्मीद है। इस मुश्किल की घड़ी में देश के पूर्व प्रधानमंत्री और जाने-माने अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने इससे उबरने के लिए बड़े कदम उठाने को कहा है। बीबीसी से खास बातचीत में मनमोहन सिंह ने कहा कि आर्थिक संकट से उबरने के लिए सरकार को तीन बड़े कदम उठाने पड़ेंगे।
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मनमोहन सिंह ने दिए ये तीन सुझाव
- मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार को जो सबसे पहला काम करना चाहिए, वो ये सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों की आजीविका सुरक्षित रहे और उनको प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक सहायता देकर उनके खर्च करने की क्षमता को बनाए रखा जाए।
- दूसरा यह कि सरकार को सरकारी क्रेडिट गारंटी कार्यक्रमों के जरिए व्यापार और उद्योगों को पर्याप्त पूंजी उपलब्ध कराना चाहिए।
- सरकार को फाइनेंशियल सेक्टर में संस्थागत स्वायत्तता और प्रक्रियाओं के जरिए सुधार लाना होगा।
देश में एक गहरा आर्थिक संकट आना निश्वित था
मनमोहन सिंह ने कहा कि वो इसे इकॉनमिक डिप्रेशन नहीं कहेंगे, 'लेकिन देश में एक लंबे समय से एक गहरा आर्थिक संकट आना निश्चित था।' बीते सप्ताह ही मनमोहन सिंह ने कहा था, "आर्थिक संकुचन केवल अर्थशास्त्रियों के विश्लेषण और बहस के लिए जीडीपी नंबर नहीं है। इसका अर्थ है कई वर्षों की प्रगति का उलटा असर। हमारे समाज के कमजोर वर्गों की एक बड़ी संख्या गरीबी में लौट सकती है, यह एक विकासशील देश के लिए दुर्लभ घटना है। कई उद्योग बंद हो सकते हैं। गंभीर बेरोजगारी के कारण एक पूरी पीढ़ी खत्म हो सकती है। संकुचित अर्थव्यवस्था के चलते वित्तीय संसाधनों में कमी के कारण अपने बच्चों को खिलाने और पढ़ाने की हमारी क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। आर्थिक संकुचन का घातक प्रभाव लंबा और गहरा है, खासकर गरीबों पर।"
अर्थव्यवस्था को लेकर राहुल गांधी ने भी बोला हमला
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के नोटबंदी, जीएसटी को ‘त्रुटिपूर्ण' तरीके से लागू करने और लॉकडाउन के फैसले ने देश के आर्थिक ढांचे को "तबाह" कर दिया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया, "नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने थे तो उन्होंने देश के युवाओं से वादा किया था कि वह हर साल दो करोड़ रोजगार देंगे। उन्होंने एक सपना बेचा लेकिन हकीकत यह है कि नरेंद्र मोदी की नीतियों की वजह से 14 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए।" बता दें कि कांग्रेस ने रविवार को "रोजगार दो" अभियान की शुरुआत की है।
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