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पूर्व पीएम होते हुए भी क्यों हटी मनमोहन की SPG सिक्योरिटी, अब केवल चार हस्तियां बाकी

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नई दिल्ली- मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अब देश की सबसे बेहतर मानी जाने वाली एसपीजी की सुरक्षा की जगह जेड प्लस सिक्योरिटी ही दी जाएगी। मनमोहन सिंह दस साल तक प्रधानमंत्री रहे हैं और मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान भी उनकी यह सुरक्षा बरकरार रखी गई थी। बता दें कि एसपीजी सुरक्षा कवर सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके परिजनों के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिजनों को ही दिए जाने का प्रावधान है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मनमोहन के पूर्व प्रधानमंत्री रहते हुए भी मोदी सरकार ने ऐसा फैसला क्यों लिया और अब देश में एसपीजी सुरक्षा कवर किन-किन नेताओं के पास बची है।

अब जेड प्लस सिक्योरिटी कवर में रहेंगे मनमोहन

अब जेड प्लस सिक्योरिटी कवर में रहेंगे मनमोहन

पूर्व प्रधानमंत्री और राज्यसभा सांसद मनमोहन सिंह को अब एसपीजी की जगह जेड प्लस सिक्योरिटी से ही गुंजाइश करनी पड़ेगी। इसके तहत पूर्व पीएम की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ के कमांडो को सौंपी जा सकती है। बदले सुरक्षा कवर के दौरान मनमोहन सिंह को अब करीब 35 कमांडो का सुरक्षा कवर मिलेगा, जो चौबीसों घंटे उन्हें सुरक्षा प्रदान करेंगे। मौजूदा समय में उनके दिल्ली स्थित आवास मोतीलाल नेहरू प्लेस में एसपीजी के 200 से ज्यादा कमांडो की तैनाती रहती थी। यानि बदली व्यवस्था का असर सीधे-सीधे उनके आवास पर भी नजर आएगा।

मनमोहन की सुरक्षा से एसपीजी हटाने का कारण

मनमोहन की सुरक्षा से एसपीजी हटाने का कारण

गृहमंत्रालय ने बताया है कि मनमोहन सिंह की सुरक्षा से एसपीजी को हटाने का फैसला सभी संबंधित सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों से मिली सूचना के आधार पर उनपर मंडराने वाले खतरे के आकलन के बाद लिया गया है। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने मनमोहन सिंह की सुरक्षा की वार्षिक समीक्षा के बाद ये निर्णय लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल 25 मई को ही केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया था कि एसपीजी कवर को पूरी तरह से रिन्यू करने की जगह तीन-तीन महीने पर ही उसकी समीक्षा की जाएगी। मनमोहन सिंह के केस में यह तीन महीने रविवार को ही पूरा हो गया था। सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए गृहमंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया है कि 'मौजूदा सिक्योरिटी कवर का मूल्यांकन सुरक्षा एजेंसियों की ओर से सुरक्षा खतरों की आशंका के आधार पर समय-समय पर और पेशेवर प्रक्रिया के तहत है। मनमोहन सिंह को जेड प्लस सिक्योरिटी कवर मिलती रहेगी। '

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कब हुआ गठन और किन्हें मिलती है एसपीजी सुरक्षा

कब हुआ गठन और किन्हें मिलती है एसपीजी सुरक्षा

स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप या एसपीजी का गठन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में हुआ और 1988 में संसद से एसपीजी एक्ट पारित कराया गया। एसपीजी 3,000 सुरक्षा अफसरों का स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप है, जो प्रधानमंत्री, उनके परिजनों और पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिजनों को विशेष सुरक्षा देता है। इस स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स में आईटीबीपी, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ के चुनिंदा अफसर और कमांडो तैनात होते हैं।

कब-कब हुए एसपीजी कानून में बदलाव

कब-कब हुए एसपीजी कानून में बदलाव

1989 में जब वीपी सिंह की सरकार बनी तो उन्होंने पूर्व पीएम राजीव गांधी से एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी। लेकिन, जब 1991 में उनकी हत्या हो गई तो एसपीजी एक्ट में संशोधन किया गया और पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिजनों को 10 साल तक एसपीजी कवर देने की व्यवस्था कर दी गई। बाद में जब 1999 में वाजपेयी सरकार आई तो एसपीजी कानून की फिर से समीक्षा किया और पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव, आईके गुजराल और एचडी देवगौड़ा की एसपीजी सुरक्षा हटाने दी गई। 2003 में फिर से वाजपेयी सरकार ने ही एसपीजी एक्ट में संशोधन किया और पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिजनों को 10 साल तक मिलने वाली एसपीजी सुरक्षा को घटाकर एक साल कर दिया। एक साल बाद केंद्र सरकार व्यक्ति विशेष पर मंडराने वाले खतरों की आशंका के आकलन के बाद ही उसे जारी रखने या बंद करने का फैसला करती है।

मनमोहन की बेटियों ने पहले ही छोड़ी थी एसपीजी सुरक्षा

मनमोहन की बेटियों ने पहले ही छोड़ी थी एसपीजी सुरक्षा

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटियां भी अभी तक एसपीजी कानून के तहत उसकी सुरक्षा पाने की हकदार थीं। लेकिन, जब 2014 में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद से हट गए तो उन्होंने खुद ही एसपीजी की सुरक्षा सौंप दिया। इसी तरह पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की बेटी ने भी अपनी सुरक्षा वापस कर दी थी। लेकिन, पूर्व पीएम वाजपेयी को 2004 से 2018 यानि उनके निधन के समय तक एसपीजी सुरक्षा बरकरार रखी गई थी।

अब सिर्फ इनके पास बची है एसपीजी सुरक्षा

अब सिर्फ इनके पास बची है एसपीजी सुरक्षा

मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी से एसपीजी की सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद अब सिर्फ चार नेता बचे हैं, जिनकी सुरक्षा एसपीजी के जिम्मे है। इसमें पहले स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जिनकी सुरक्षा भारत में ही नहीं दुनिया में भी अभेद्य मानी जाती है। लेकिन, उनके परिवार के किसी और सदस्य ने एसपीजी कवर नहीं लिया है। इसके अलावा पूर्व पीएम राजीव गांधी की पत्नी होने के नाते कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके दोनों बच्चों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को भी एसपीजी सुरक्षा मिली हुई है।

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English summary
Manmohan's SPG Security go away despite being former PM,only modi,sonia,rahul,pryanka left now
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