मनीष सिसोदिया का दावा, जावड़ेकर ने राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की 3 बैठकें स्थगित की
नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर इस समय भयानक वायु प्रदूषण से जूध रहा है। दिल्ली में पर्यावरण प्रदूषण का जिम्मेदार कौन है? इसे लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार में आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है। इसी बीच शनिवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर केंद्र और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पर तीखा हमला बोला। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि प्रकाश जावड़ेकर ने उत्तर भारतीय राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की तीन बैठकें स्थगित कर दी हैं जो निर्धारित थीं और फिर कभी आयोजित नहीं की गईं।
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से पूछा है कि आखिर सरकार इस समस्या से निपटने के लिए क्या कर रही है। पूरा उत्तर भारत पराली के धुएं की चपेट में है... केंद्र सरकार खुद कह रही है कि मौजूदा प्रदूषण में 46% पराली की वजह से है। लेकिन केंद्र सरकार क्या कर रही है पूरे उत्तरी भारत को इससे बचाने के लिए? बीजेपी कोई समय सीमा बताएगी कि कब तक पराली जलना बंद करवाएगी?
मनीष सिसोदिया ने दावा किया है कि पराली प्रदूषण पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर बार-बार मीटिंग तो बुलाते हैं लेकिन ये मीटिंग कभी हो नहीं पाती। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने अदालत में बताया है कि पूरे 2 साल में सिर्फ 63000 मशीन दी गयी हैं जबकि कुल किसानों की संख्या लगभग 26 लाख है। इस गति के साथ यह 50-60 साल के लिए एक कार्यक्रम है? यदि ऐसा है, तो दिल्ली-एनसीआर के लोगों को अगले 50-60 साल के लिए क्या करना चाहिए?
Manish Sisodia: Prakash Javadekar has postponed three meetings of Environment ministers of North Indian states that were scheduled and then were never held. Either he does not have time or problem of pollution is not his priority. https://t.co/vm2xBw6b7U
— ANI (@ANI) November 2, 2019
सिसोदिया ने कहा कि, प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली बहुत सारे कदम उठा रही है। यहां की जनता बहुत संघर्ष कर रही है, ऑड इवन कर रही है, भवन निर्माण बैन हो रहे। केंद्र सरकार हमें बताए कि दिल्ली कब तक ऐसे धुएं के चपेट में रहने को मजबूर रहेगी ?
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