'माहवारी महाभोज' में शामिल हुए डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, पीरियड्स वाली महिलाओं के हाथ का बना खाना खाया
नई दिल्ली। महिलाओं को लेकर दिए गए अपने विवादित बयान की वजह से गुजरात के स्वामीनारायण मंदिर के स्वामी कृष्णस्वरूप दास की जमकर आलोचना हुई थी। स्वामी कृष्णस्वरूप दास ने कहा था कि अगर महिलाओं को माहवारी यानी पीरियड्स आ रहे हैं तो उन्हें इस दौरान खाना नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि माहवारी के दौरान अगर महिला किचन में पति के लिए खाना बनाती है तो निश्चित तौर पर वह कुतिया के रूप में पुनर्जन्म लेगी। उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ था। जबकि दिल्ली की महिलाओं ने इसका विरोध करने के लिए खास तरीका अपनाया।
रविवार को मयूर विहार की औरतों ने 'माहवारी महाभोज' का आयोजन किया, जिसमें दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी हिस्सा लिया। मनीष सिसोदिया ने इस दौरान उन औरतों के हाथ का बना खाना खाया, जिनके पीरियड्स चल रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन मयूर विहार फेज-2 के पॉकेट-ए सेंट्रल पार्क में आयोजित किया गया था।
The event was organised in response to the incident where 68 female students in Bhuj were asked to remove their inner-wear to prove they were not menstruating, as well as Swaminarayan Bhuj Mandir's Swami Krushnaswarup Dasji's statement on menstruating women. https://t.co/sKErUYfIGr
— ANI (@ANI) February 24, 2020
इस महाभोज का मकसद था, 'महिलाओं की मासिक धर्म की गरिमा को बनाए रखना।' पीरियड्स वाली महिलाओं के हाथ खाना खाते मनीष सिसोदिया की तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। कई यूजर्स ने मनीष सिसोदिया के वहां जाने और पीरियड्स वाली इन महिलाओं के हाथ का बना खाना खाने के लिए तारीफ की है। इस आयोजन में करीब 300 लोग शामिल हुए थे।
खाना पकाने वाली महिलाओं ने एप्रन पहना हुआ था, जिसपर लिखा था- 'मैं माहवारी वाली एक गौरवान्वित महिला हूं।' बता दें कि गुजरात के भुज में स्वामी सहजानंद गर्ल्स इंस्टिट्यूट में माहवारी चेक करने के लिए 68 लड़कियों से जबरन उनकी अंडरवियर उतरवाई गई थी। इस मामले के सामने आने के बाद काफी बवाल मचा था। 'माहवारी महाभोज' का मकसद इस घटना का भी विरोध जताना था।