मणिपुर: गिरफ्तार पत्रकार ने सरकार को बताया तानाशाह, कहा- आखिरी सांस तक लड़ूंगा
इंफाल। मणिपुर के एक पत्रकार को मणिपुर की बीजेपी सरकार और आरएसएस के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना मंहगा पड़ गया है। आलोचना करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम ने कहा कि वह अपनी आखिरी सांस तक न्याय के लिए लड़ेंगे। वांगखेम को जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान अस्पताल में नियमित चिकित्सा जांच के लिए लाया गया था। किशोरचंद्र वांगखेम ने इसके साथ ही कहा कि, ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन की साथ ना देने को लेकर आलोचना की है।
वांगखेम ने आगे कहा, 'मैं राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत अपनी गिरफ्तारी का विरोध करता हूं। यह तानाशाही शासन है। मैं मणिपुर की जनता से आग्रह करता हूं कि वह जागें।' वांगखेम ने कहा, 'एनएसए के तहत मेरी नजरबंदी जबरदस्ती है। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप गलत हैं। वांगखेम ने आगे कहा कि जब तक एनएसए निरस्त नहीं हो जाता और मुझे रिहा नहीं किया जाता मैं लड़ाई जारी रखूंगा।
वांगखेम ने कहा, 'मेरी गिरफ्तारी पर ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की चुप्पी से मुझे कोई हैरानी नहीं है। इन्हें राज्य सरकार ने खरीद रखा है। मैं उम्मीद करता हूं कि भारतीय पत्रकार संघ इसका जवाब देगा। बता दें कि, वांगखेम ने इंफाल में राज्य सरकार द्वारा झांसी की रानी की जयंती मनाने के लिए मणिपुर सरकार की आलोचना करते हुए एक वीडियो अपलोड किया था। इसके बाद 20 नवंबर को उन्हें इंफाल पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था।
इस वीडियो में उन्होंने मणिपुर की बीजेपी सरकार और आरएसएस के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने मणिपुर सरकार को नरेंद्र मोदी के हाथों की कठपुतली बताया था। 26 नवंबर को न्यायिक मजिस्ट्रेट इम्फाल वेस्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया।
जिसके बाद 27 नवंबर को उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके बाद राज्य के एनएसए बोर्ड ने 14 दिसंबर को किशोर को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत एक साल के लिए हिरासत में रखने का आदेश दिया था।
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