मणिपुर: IPS बृंदा ने कहा- सीएम के खिलाफ मैंने शिकायत की इसलिए मेरे परिवार और मित्रों को प्रताड़ित किया जा रहा
मणिपुर: आइपीएस बृंदा ने कहा - सीएम के खिलाफ मैंने शिकायत की इसलिए मेरे परिवार और मित्रों को प्रताड़ित किया जा रहा
नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर आरोप लगाकर सुर्खियों में आई महिला आईपीएस अधिकारी थोनाउजम बृंदा को 28 जुलाई को लॉकडाउन नियमों का उलंघन करने के आरोप में हिरासत में ले लिया गया था। बृंदा समेत अन्य दो लोगों को लॉकडाउन नियमों को तोड़ने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। इसके बाद बृंदा ने कहा कि मैंने सीएम की शिकायत की इसलिए अब मेरे परिवार और मेरे मित्रों को प्रताडि़त किया जा रहा हैं। इसके अलावा बृंदा ने कई आरोप लगाए हैं।
बृंदा ने कहा मैं अपनी गिरफ्तारी को लेकर चिंतित नहीं हूं लेकिन.....
थोनाउजम बृंदा ने कहा कि मेरी गिरफ्तारी के बारे में मैं चिंतित नहीं हूं, लेकिन वे अब कमजोर और गरीब लोगों को परेशान कर रहे हैं। बृंदा ने कहा, "मेरे पारिवारिक मित्र और साधारण लोगों को उनके (वरिष्ठ मणिपुर पुलिस अधिकारियों) कार्यालयों में बुलाया जाता है, धमकी दी जाती है और परेशान किया जाता है। बृंदा ने कहा कि मेरे परिवार बच्चों और मेरे 76 वर्षीय ससुर राजकुमार मेघेन, जो मणिपुर-स्थित के अध्यक्ष थे उनको भी पुलिस तरह-तरह से परेशान कर रही है। मैं अब अपने निलंबन की प्रतीक्षा कर रही हूं वो लोग मुझे कभी भी निलंबित कर सकते हैं।
बृंदा ने था ये आरोप
बता दें बृंदा ने आरोप लगाया था कि पूर्व भाजपा पदाधिकारी के खिलाफ जांच में मणिपुर के सीएम एन बिरेन सिंह ने हस्तक्षेप करके ममाले को रफा-दफा करने के लिए दबाव बना रहे हैं। आईपीएस बृंदा के इस आरोप के बाद उनकी हिम्मत की देश भर में सराहना हुई थीं। अधिकारी ने राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर ड्रग्स के एक मामले को रफा-दफा करने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया था। एडिशनल एसपी थोनाउजम ब्रिंदा ने अदालत में एफिडेविट के जरिए यह आरोप लगाया था। उस समय बृंदा नारकोटिक्स एंड अफेयर्स ऑफ बोर्डर ब्यूरो (एनएपबी) में तैनात थीं। ड्रग्स का यह मामला 28 करोड़ रुपये से ज्यादा का है और इसमें एक स्थानीय भाजपा नेता ही मुख्य आरोपी है। बाद में बृंदा पर कोर्ट की अवमानना का मामला भी चल रहा है। दरअसल बीजेपी के पूर्वपदाधिकारी को स्पेशल कोर्ट से जमानत दिए जाने के फैसले पर बृंदा ने फेसबुक पोस्ट लिखी थी। जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया था।
ड्रग्स केस को रफा-दफा करने के लिए CM ने डाला दबाव, पुलिस ने कोर्ट को बताया
पुलिस ने दी ये सफाई
बृंदा पर कोर्ट रूम में जज की तरफ आपत्तिजनक इशारे करने का भी आरोप है, बृंदा ने एफिडेविट में इस आरोप से इनकार किया है। अब उन्हें हिरासत में लिए जाने का मामला गर्म हो गया है। इंफाल के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के. जयंत ने बताया है कि पुलिस बृंदा पर निगाह नहीं रख रही है और उन्हें निशाना बनाए जाने का कोई भी इरादा नहीं है।
पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने का कारण भी नहीं बताया
हालांकि हिरासत में लिए जाने को लेकर भी बृंदा ने पोस्ट लिखी है। उन्होंने कहा है कि मेरे पति कर्फ्यू तोड़ने के लिए फाइन देने के लिए तैयार थे लेकिन उन लोगों ने मना कर दिया। हम लोग पूरी तरह पुलिसवालों से घिरे हुए थे। बृंदा ने पोस्ट में यह भी लिखा है कि पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने का कारण भी नहीं बताया। कुछ ही देर में हम लोग पूरी तरह पुलिसवालों से घिरे हुए थे। बृंदा ने पोस्ट में यह भी लिखा है कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्त में लेने का कारण भी नहीं बताया।
एनएचआरसी को लिखे अपने पत्र में बृंदा ने लिखी ये बात
ब्रिंदा ने सार्वजनिक ने तौर पर अपने पारिवारिक मित्र 78 वर्षीय सिराज अहमद की मौत की घोषणा करने के बाद यह कहा कि "मणिपुर पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा परेशान और धमकी दी गई थी"। गुरुवार को एक फेसबुक पोस्ट में, बृंदा ने कहा कि उसने 27 जुलाई, 2020 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के साथ अपने पिता के खिलाफ "उत्पीड़न" के लिए Md शेर शाह उर्फ गांधी की ओर से शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा, '' उन्हें सुबह 2 बजे के आसपास सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत हुई और आज सुबह 6.30 बजे उनके आवास पर उच्च रक्तचाप से निधन हो गया। बृंदा ने आगे लिखा शांति से रहो, मेरे प्यारे प्यारे बाबा। आपका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। एक बेटी के रूप में यह मेरा वादा है। बृंदा ने एनएचआरसी को लिखे अपने पत्र में लिखा है "गांधी ने मुझसे बताया था कि मेरे पिता बस एक लंबी बीमारी से उबर गए हैं। वह मुझ पर लगे आरोपों को लेकर चिंतित हैं। हम गरीब लोग हैं और कोई समर्थन नहीं करते हैं।