मणिपुर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने वाले 7 विधायकों की विधानसभा में एंट्री पर रोक
नई दिल्ली। मणिपुर हाईकोर्ट ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने सात विधायकों के विधानसभा जाने पर रोक लगा दी है। सोमवार को इसको लेकर अदालत ने आदेश दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि स्पीकर ट्रिब्यूनल इन विधायकों की अयोग्यता से जुड़े केस की सुनवाई कर रहा है। जब तक वहां सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, इन विधायकों को विधानसभा में एंट्री ना दी जाए।
मणिपुर न्यायालय ने कांग्रेस विधायकों और पदाधिकारियों की ओर से दायर उस याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया है, जिसमें मांग की गई है कि कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए सात विधायकों को 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर मणिपुर विधानसभा में प्रवेश नहीं होने देने की गुहार लगायी गई है। मणिपुर से इकलौती राज्य सभा सीट के लिए 19 जून को चुनाव होना है। कांग्रेस की मांग है कि चुनाव से पूर्व पार्टी के सातों बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई हो।
इससे पहले मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष वाई खेमचंद ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सात विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। कांग्रेस के सात विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस के विधायकों ने अलग-अलग मामलों को दर्ज कर उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग की क्योंकि उनकी गतिविधियों ने कथित रूप से संविधान की दसवीं अनुसूची का उल्लंघन किया है।