मणिपुर फेक एनकाउंटर केस: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा- हत्यारे खुलेआम क्यों घूम रहे हैं?
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर फेक एनकाउंटर मामले में सीबीआई को फटकार लगाई है। सोमवार को सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा अदालत में पेश हुए। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर से पूछा कि इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है। सीबीआई डायरेक्टर ने कोर्ट को बताया कि कुछ लोगों से पूछताछ की गई है, लेकिन केस बहुत पुराना हो चुका है। अब इन लोगों के पास से बरामद करने के लिए कुछ भी नहीं है। सीबीआई डायरेक्टर के इस जवाब पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी. लोकुर ने कहा कि इसका मतलब यह हुआ कि हत्यारे मणिपुर में खुलेआम घूम रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर से कहा कि आप अपने अधिकारियों के साथ बैठिए, चर्चा कीजिए, यह लोगों की जिंदगी से जुड़ा मामला है। कोर्ट ने कहा कि आपके मुताबिक, 14 मर्डर हुए हैं और हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं। आप किसी एक को भी नहीं पकड़ सके। हालांकि, कोर्ट ने आगे यह भी कहा कि हम आपके विवेक पर छोड़ते हैं कि गिरफ्तारी करनी है या नहीं।
सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया कि एजेंसी जल्द से जल्द जांच पूरी कर लेगी। सीबीआई डायरेक्टर ने कोर्ट को बताया कि एजेंसी को 41 केसों की जांच पूरी करनी है। उन्होंने फेक एनकाउंटर से जुड़े मामलों के बारे में विस्तार से कोर्ट को बताया कि कितने मामलों में चार्जशीट कब तक दाखिल कर दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से अगली सुनवाई में आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने को कहा है।
इस केस की अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी, उस दिन भी सीबीआई डायरेक्टर को कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा गया है। मणिपुर पुलिस और अर्धसैनिक बलों पर फर्जी एनकाउंटर के आरोप हैं। इस संबंध में मिली शिकायतों के बाद अदालत ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। फर्जी एनकाउंटर को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मणिपुर पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हीरोजीत सिंह ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
हीरोजीत ने बताया कि साल 2003 से 2009 के बीच कई फर्जी एनकाउंटर मणिपुर में किए गए। इन फर्जी एनकाउंटर में वह खुद भी शामिल रहे। हीरोजीत सिंह ने अपने बयान में यह भी कबूल किया कि उन्होंने सभी फर्जी एनकाउंटर उनके वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर किए। मणिपुर पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल हीरोजीत सिंह ने फर्जी एनकाउंटर को लेकर संबंधित एक हलफनामा भी कोर्ट में सौंप दिया है। हालांकि, वह वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर फर्जी एनकाउंटर करने के दावों को लेकर कोई साक्ष्य कोर्ट में अभी तक जमा नहीं करा पाए हैं।