मणिपुर फर्जी एनकाउंटर केस: सीबीआई की जांच रिपोर्ट से सुप्रीम कोर्ट असंतुष्ट
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 14 जुलाई 2017 में विशेष जांच दल गठित करने का आदेश दिया था
नई दिल्ली। मणिपुर फर्जी एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की जांच रिपोर्ट पर असंतोष जाहिर किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सीबीआई को फटकार लगाई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मानवाधिकार आयोग को तीन लोगों की टीम बनाकर सीबीआई के साथ काम करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इस मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है। आपको बता दें कि इससे पहले भी मणिपुर में कथित फर्जी एनकाउंटर मामले को लेकर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को फटकार लगा चुका है।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी डांट
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कथित फर्जी एनकाउंटर पर 42 एफआईआर नहीं दर्ज करने के लिए डांट लगाई थी, सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई से पूछा था इन मामलों में एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की।जस्टिस मदन बी लोकुर व यूयू ललित की बेंच ने विशेष टीम को सेना, असम रायफल्स व पुलिस द्वारा की गई मुठभेड़ों की जांच का जिम्मा सौंपा था। अदालत ने हिदायत दी थी कि 12 मामलों की जांच 28 फरवरी तक पूरी करके संबंधित अदालत में रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी डांट
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कथित फर्जी एनकाउंटर पर 42 एफआईआर नहीं दर्ज करने के लिए डांट लगाई थी, सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई से पूछा था इन मामलों में एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की।जस्टिस मदन बी लोकुर व यूयू ललित की बेंच ने विशेष टीम को सेना, असम रायफल्स व पुलिस द्वारा की गई मुठभेड़ों की जांच का जिम्मा सौंपा था। अदालत ने हिदायत दी थी कि 12 मामलों की जांच 28 फरवरी तक पूरी करके संबंधित अदालत में रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए थे।
सीबीआई निदेशक को दिए थे निर्देश
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 14 जुलाई 2017 में विशेष जांच दल गठित करने का आदेश दिया था। बेंच ने सीबीआइ के निदेशक को कहा कि वह खुद जांच कार्य की निगरानी करें। पहले के आदेश में सभी मामलों की जांच 31 दिसंबर तक पूरी की जानी थी। सुप्रीम कोर्ट एक याचिका की सुनवाई कर रहा है, जिसमें नक्सलवाद प्रभावित मणिपुर में 1528 हत्याओं पर सवाल उठाया गया था।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हीरोजीत सिंह ने चौंकाने वाले खुलासे किए थे
आपको बता दें मणिपुर में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की ओर से पिछले कुछ वर्षों में किए गए कथित फर्जी एनकाउंटरों की शिकायतों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर जांच के आदेश दिए हैं। फर्जी एनकाउंटर को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मणिपुर पुलिस के एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हीरोजीत सिंह ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। हीरोजीत ने बताया कि साल 2003 से 2009 के बीच कई फर्जी एनकाउंटर मणिपुर में किए गए। इन फर्जी एनकाउंटर में वो खुद भी शामिल रहे। हीरोजीत सिंह ने अपने बयान में ये भी कबूल किया कि उन्होंने सभी फर्जी एनकाउंटर उनके वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर किए। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ऑफ मणिपुर के उग्रवादी संजीत की हत्या के 6 साल बाद हीरोजीत सिंह ने पहली बार ये स्वीकार किया कि उन्होंने संजीत पर गोली चलाई थी। बता दें कि 2009 में मणिपुर पुलिस के कमांडोज पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ऑफ मणिपुर के उग्रवादी संजीत मैती की हत्या के आरोप लगे थे। इसको लेकर मणिपुर में कई दिनों तक प्रदर्शन भी हुए थे।
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