सफल हुआ इसरो का 4 सेकेंड 'मॉम' टेस्ट, अब मंगल मिशन पर नजरें
बैंगलोर।
जिस
पल
का
इंतजार
हर
भारतीय
को
था,
वह
पल
आ
गया
और
सफल
भी
हो
गया।
पिछले
नौ
माह
से
अंतरिक्ष
की
यात्रा
पर
निकला
भारत
का
मंगलयान
या
मार्स
ऑर्बिटर
मिशन
(मॉम
)
अब
मंगल
के
पास
पहुंच
गया
है।
सोमवार
को
इसरो
के
वैज्ञानिकों
ने
इसके
रॉकेट
इंजन
का
टेस्ट
किया
और
यह
टेस्ट
पूरी
तरह
से
सफल
रहा।
इसरो
के
वैज्ञानिकों
ने
इस
एक्टिव
कर
दिया
है।
चार
सेकेंड
के
लिए
चालू
हुआ
इंजन
इसरो
के
वैज्ञानिकों
ने
चार
सेकेंड्स
के
लिए
इंजन
को
चालू
किया।
भारत
ने
मंगलयान
को
पिछले
वर्ष
सितंबर
में
लांच
किया
था।
पूरी
यात्रा
के
दौरान
इसका
मुख्य
रॉकेट
इंजन
बंद
रखा
गया
था।
वैज्ञानिकों
को
चिंता
थी
कि
जरूरत
पड़ने
पर
यह
काम
करेगा
भी
या
नहीं।
मंगलयान के निदेशक अन्नादुराई ने बताया कि टेस्ट फायरिंग एक टेस्ट ट्रायल की ही तरह है। इसके इंजन को जीवित करना जरूरी था। यह काफी चुनौतीभरा पल है लेकिन सभी लोग आत्मविश्वास से भरे हुए हैं।
उस दिन इंजन को 24 मिनट तक फायर किया जाएगा, ताकि मार्स ऑर्बिटर मिशन(MOM) स्प्रेसक्राफ्ट यानी मंगलयान की गति धीमी की जा सके और इसे मंगल की कक्षा में स्थापित किया जा सके।
इस वक्त यह करीब 22 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से मंगल की तरफ बढ़ रहा है। इसकी स्पीड को घटाकर 4.4 किलोमीटर प्रति सेकंड किया जाना है।
एक
और
कामयाबी
वहीं
मंगल
ग्रह
की
कक्षा
में
प्रवेश
करने
की
प्रक्रिया
के
दौरान
भारत
का
अंतरिक्ष
यान
सोमवार
को
मंगल
के
गुरुत्व
क्षेत्र
में
प्रवेश
कर
गया।
इसके साथ ही भारत एशिया का ऐसा पहला देश बन गया है जिसका अंतरिक्ष यान मंगल के प्रभाव क्षेत्र में पहुंअंतरिक्ष यान बुधवार तड़के सूर्य की कक्षा से मंगल की कक्षा में प्रवेश कर जाएगा।
इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारे संचालकों की गणना के अनुसार हमारे मंगलयान मिशन (एमओएम) ने मंगल के गुरुत्व प्रभाव वाले क्षेत्र में सोमवार सुबह लगभग नौ बजे प्रवेश किया।
एमओएम बुधवार को मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने के लिए फिलहाल सूर्य की कक्षा में चक्कर काट रहा है।
मंगल ग्रह के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए पांच वैज्ञानिक प्रयोगों के साथ तैयार 475 किलोग्राम भार वाले इस अंतरिक्ष यान के मार्ग में सोमवार अपराह्न् 2.30 बजे किए गए चौथे संशोधन के लिए 15 सितंबर को इसे निर्देशित किया गया था।
मार्ग में यह संशोधन इसलिए किया गया, ताकि मंगलयान 24 सितम्बर को सूर्य की कक्षा से मंगल की कक्षा में आसानी से प्रवेश कर जाए।
इसरो के वैज्ञानिक सचिव वी.कोटेश्वर राव ने कहा कि हमनें अंतरिक्ष यान के नीचे लगे तरल ईंधन संचालित मुख्य इंजन को चार सेकेंड के लिए चालू किया, जिससे कि यह फिर से सक्रिय हो जाएगा। यह इंजन यान के प्रक्षेपण के तुरंत बाद बंद हो गया था।
संयोगवश अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का अंतरिक्ष यान मावेन भी सोमवार तड़के मंगल की कक्षा में प्रवेश कर गया।
मंगलयान 24 सितंबर को सुबह 7.30 बजे जब मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करेगा, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसरो केंद्र में मौजूद रह सकते हैं।