पत्नियों को छोड़ने वाले NRI पतियों को सजा दिलाने में बाधा बन सकता है मेनका गांधी का पुराना केस
एनआरआई पतियों द्वारा छोड़ी गई पत्नियों को उनका हक दिलाने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी एक प्लान ला रहीं थीं लेकिन अब इसमें साल 1978 का उनका केस ही इसमें बाधा बन सकता है।
नई दिल्ली। एनआरआई पतियों द्वारा छोड़ी गई पत्नियों को उनका हक दिलाने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी एक प्लान ला रहीं थीं लेकिन अब इसमें साल 1978 का उनका केस ही इसमें बाधा बन सकता है। मेनका गांधी ने कहा था कि उन एनआरआई पतियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे जो अपनी पत्नियों को छोड़ देते हैं। इस प्लान में पतियों का पासपोर्ट कैंसिल करने के अलावा उनके रिश्तेदारों की संपत्ति जब्त करना भी था। कानून मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार मेनका के एनआरआई पतियों के पासपोर्ट कैंसिल करने में सबसे बड़ा रोड़ा उन्हीं का पुराना केस 'मेनका गांधी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया' बन सकता है।
'NRI पतियों के खिलाफ उठाए जाएंगे कड़े कदम'
मेनका गांधी ने पिछले साल अपनी पत्नियों को छोड़ने वाले एनआरआई पतियों को सबक सिखाने के लिए उनका पासपोर्ट कैंसिल करने और भारत में उनके रिश्तेदारों की जमीन जब्त करने का प्रस्ताव दिया था। अब कानून और विदेश मंत्रालय द्वारा इस प्रस्ताव को खारिज किया जा रहा है। कानून मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि प्रस्ताव के बाकी प्रपोजल, जैसे अपराधी के रिश्तेदारों की संपत्ति की जब्ती को उचित ठहराना मुश्किल होगा।
जब जब्त किया गया था मेनका गांधी का पासपोर्ट
वहीं वर्तमान में कानून आपराधिक मामले में अदालत के आदेशों पर पासपोर्ट को जब्त करने की अनुमति देता है। कानून मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, 'सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हीं के केस में जारी गाइडलाइंस किसी का पासपोर्ट तब तक जब्त या रद्द करना मुश्किल कर देती है जब तक की कानून की प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता।' मेनका गांधी के 1978 के केस में उनका पासपोर्ट पब्लिक इंट्रेस्ट के आधार पर बिना कोई कारण दिए जब्त कर लिया गया था। मेनका ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आवाज लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बताया था मौलिक अधिकारों का हनन
उच्चतम न्यायालय ने देखा कि जिस इंडियन पासपोर्ट्स एक्ट के सेक्शन 10 (3) के तहत उनका पासपोर्ट जब्त किया गया, वो संविधान के आर्टिकल 14 और 21 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का हनन कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील सुनील फर्नांडिज ने कहा कि पति द्वारा एक महिला का परित्याग सिविल मामला हो सकता है अगर हिंदू विवाह अधिनियम के तहत यदि इसका निपटाया जाता है तो। पासपोर्ट कैंसिल करने पर उन्होंने कहा कि इसके साथ कई और परेशानियां हैं। उन्होंने कहा कि अगर पासपोर्ट कैंसिल किया जाता है तो ये दूसरे देश में शरण मांगने का आधार बन जाएगा।
'संबंधित कानूनों में संशोधन करना होगा'
वहीं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मेनका गांधी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस के बावजूद पासपोर्ट कैंसिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों मंत्रालयों को साथ में मिलकर काम करना होगा और जरूरी हुआ तो संबंधित कानूनों में संशोधन करना होगा। मेनका गांधी ने 12 फरवरी को मीडिया को बताया था कि मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर में संशोधन की मांग की थी। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि महिलाओं दी जाने वाले आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 4,000 डॉलर कर दिया गया है।