महाराष्ट्र के यवतमाल में आदमखोर बाघिन का खौफ, ले चुकी 13 की जान
महाराष्ट्र के यवतमाल में आदमखोर बाघिन ले चुकी 13 की जान, सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
मुंबई। महाराष्ट्र के यवतमाल जिले का पंढारवडा कस्बा बीते काफी समय से आदमखोर बाघिन के खौफ में है। ये बाघिन अब तक कम से कम 13 लोगों को अपना शिकार बना चुकी है। 5साल की बाघिन (टी1) का इतना खौफ है कि पंढारवडा और आसपास के गांवों के लोग रात-रातभर जागकर पहरा देते हैं। वहीं जंगल में जाने से लोग बुरी तरह खौफ खाते हैं, जिसके चलते खेती करने और मवेशी पालने वाले लोग खासे परेशान हैं।
इस बाघिन की पहली शिकार एक बुजुर्ग महिला हुई थी, जिसका शव कपास के खेत में मिला था। महिला के शरीर पर बाघ के पंजों के निशान से उसकी मौत के बारे में पता चला था। इसके बाद से ये सिलसिला लगातार जारी है। बीते अगस्त में ही तीन लोगों की मौत हुई है।
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बताया गया है कि जून 2016 से इस साल अगस्त तक पंढारवाड़ा के रालेगांव तहसील में इस बाघिन ने 13 लोगों को शिकार बनाया है। आसपास के लोग और नेता वन रेंजर्स पर आदमखोर बाघिन को मारने के लिए दबाव बना रहे हैं, इसके लिए शिकारियों की टीम को भी बुलाया गया है। वहीं वन रेंजर इसे किसी तरह पकड़कर चिडियाघर भेजने की कोशिश में हैं।
एक तरफ इस बाघिन को मार डालने के बात कही जा रही है तो वहीं बाघिन को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है। बाघिन को ना मारा जाए इसके लिए लिए भोपाल के अजय दुबे और दिल्ली के सेव टाइगर कैंपेन के सिमरत संधू ने दया याचिका दायर की है। याचिका को सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस केएम जोसेफ की अदालत में दायर की गई है।
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