कोर्ट के आदेश के बाद भी 2 साल से पत्नी को नहीं दे रहा था गुजारा भत्ता, 5 दिन में ठिकाने आया दिमाग
नई दिल्ली। अदालत के आदेश के बावजूद एक शख्स अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता नहीं दे रहा था। इसकी शिकायत हुई तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया। कमाल की बात ये है कि अदालत का आदेश न मानने वाले शख्स को जब जेल भेजा गया तो जेल के अंदर से ही 5 दिन के भीतर उसने पत्नी के नाम बकाया राशि का चेक काट दिया। दरअसल साल 2017 के जनवरी में शख्स को अदालत ने आदेश दिया था कि वह अपनी पत्नी को 4.75 लाख रुपये के गुजारा भत्ते का भुगतान करे।
पड़ती रहीं तारीख पर तारीख
अदालत के आदेश के बावजूद जब शख्स ने पत्नी को पैसे नहीं दिए तो उसने अदालत की अवमानना की याचिका दायर की। इसके बाद सितंबर 2017 में शख्स को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। इसके बाद भी मामले में तारीख पर तारीख पड़ती रहीं लेकिन उसने पत्नी को गुजारा भत्ता नहीं दिया। कोर्ट ने कहा कि पत्नी के लिए एक लाख रुपये जमा कर पाने तक शख्स को हर तारीख पर उपस्थित रहना होगा।
बार बार करता रहा अदालत की अवमानना
इसके बाद अगले तीन महीनों में 5 बार सुनवाई हुई। तब तक वह केवल 35 हजार रुपये का भुगतान ही कर सका। इसके बाद अदालत के निर्देशों के बावजूद उसने अदालत में पेश होना बंद कर दिया। अब मामले को देख रही जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता बाली पीठ का धैर्य टूटा और शख्स के आचरण को अदालत की अवमानना मान लिया गया। अदालत ने शख्स के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया और दिल्ली पुलिस को उसे हिरासत में लेकर अदालत लाने को कहा।
अदालत के ये आदेश सुना तो ठिकाने आया दिमाग
इसके बाद हिरासत में लेकर पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया। अदालत ने कहा कि शख्स उसे पुलिस हिरासत में ले जाया जाए और सुनवाई की अगली तारीख तक नई दिल्ली में संबंधित पुलिस स्टेशन में रखा जाए। मामले की अगली तारीख एक महीने बाद की तय कर दी गई। ऐसे में वह घबराकर जेल के अंदर से ही पैसे के इंतजाम को तैयार हो गया। 5 दिन के भीतर पैसे का जुगाड़ कर उसने पत्नी को दिए।
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