जामा मस्जिद के शाही इमाम पर हमला यानी सुरक्षा में खामी
नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी मस्जिद जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी को एक युवक ने जिंदा जलाने के प्रयास किये। यह मस्जिद महज नमाज़ अता करने का स्थान नहीं बल्कि इसे राजधानी के ऐतिहासिक पर्यटक स्थल में भी गिना जाता है, लिहाजा इस प्रकार का हमला साफ बयां कर रहा है कि मस्जिद की सुरक्षा में बड़ी खामियां बरती जा रही हैं।
खबर आयी कि एक युवक ने रविवार की शाम नमाज के वक्त उन पर केरोसीन छिड़क कर आग लगाने के प्रयास किये। शाही इमाम के छोटे भाई तारिक बुखारी के अनुसार यह घटना उस वक्त घटी जब शाही इमाम नमाज़ अता कर रहे थे। एक युवक जामा मस्जिद में धीरे-धीरे शाही इमाम के पास पहुंच गया और उन पर मिट्टी का तेल छिड़का और फिर लाइटर जलाने की कोशिश की। माजिस जल नहीं सकी। तब तक वहां मौजूद लोगों ने उसे पकड़ लिया। शाही इमाम के शरीर पर कोई चोट नहीं आई है। इमाम के सुरक्षाकर्मियों और वहीं नमाज पढ़ रहे अन्य लोगों ने बाद में हमलावर को पकड़ लिया। हमलावर को पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
अगर
कोई
आतंकी
होता
तो?
हमलावर की पहचान कमालुद्दीन उर्फ कमल के रूप में हुई है। वह पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना का रहने वाला है। अगर एनआईए की हालिया रिपोर्ट की मानें तो पश्चिम बंगाल में जमात-उल-मुजाहिदीन के आतंकी अपना गढ़ बनाने में जुटे हुए हैं। जरा सोचिये कि अगर यही कमालुद्दीन उसी जेईएम का सदस्य होता तो आज देश के कई इलाकों में दंगे भड़क चुके होते।
दिल्ली पुलिस से जब मीडिया ने पूछा तो अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि वो शाही इमाम से पहले पूछेंगे कि क्या वो मामला दर्ज कराना चाहते हैं, तभी इस पर कोई ऐक्शन लिया जायेगा। हमारा सवाल यह है कि पुलिस ने क्या अभी तक उन अधिकारियों से पूछताछ की, जिनके जिम्मे जामा मस्जिद की सुरक्षा है।
आगे पढ़ें बड़ी खबर- भारतीय लड़कियों को अपने प्यार में फना करने आये आतंकी।