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दिव्यांग पत्नी को व्हीलचेयर पर बिठा जाते हैं हैं बद्रीनाथ, 6 सालों से कर रहे हैं ऐसा

जब सिर पर एक जुनून सवार हो तो व्यक्ति कोई भी बाधा पार कर सकता है। जुनून और श्रद्धा पर सवार दिल्ली में रहने वाला एक शख्स पिछले 6 सालों से अपनी दिव्यांग पत्नी को लेकर बदरीनाथ धाम के दर्शन करने जा रहा है।

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Badrinath Dham

नई दिल्ली। जब सिर पर एक जुनून सवार हो तो व्यक्ति कोई भी बाधा पार कर सकता है। जुनून और श्रद्धा पर सवार दिल्ली में रहने वाला एक शख्स पिछले 6 सालों से अपनी दिव्यांग पत्नी को लेकर बदरीनाथ धाम के दर्शन करने जा रहा है। शिवानंद शर्मा नाम का ये शख्स सबसे पहले साल 2013 में वहां गया था और फिर इसके बाद से वो हर साल अपनी पत्नी को लेकर उत्तराखंड की पहाड़ियों पर स्थित बदरीनाथ धाम जरूर जाता है। पिछले 6 सालों से इस कठिन यात्रा में उनका कुत्ता उन दोनों का साथ दे रहा है।

साल 2013 में पहली बार गए थे धाम

साल 2013 में पहली बार गए थे धाम

दिल्ली के ज्वालानगर में रहने वाले 38 वर्षीय शिवानंद शर्मा साल 2013 में अपनी पत्नी के साथ सबसे पहले बदरीनाथ धाम गए थे। इसके बाद जब वो वहां से लौटे तभी वहां आई आपदा ने तबाही मचा दी। इस बात की जानकारी जब शिवानंद को मिली तो उन्होंने अगले साल फिर से भगवान बदरी के दर्शन करने की ठानी। दिव्यांग पत्नी को उत्तराखंड की ऊंची पहाड़ियों पर ले जाना सबसे बड़ी चुनौती थी। तब शिवानंद ने तय किया कि वो व्हीलचेयर से अपनी पत्नी को बदरीनाथ के दर्शन कराएंगे।

पत्नी को व्हीलचेयर पर ले जाते हैं हर साल

पत्नी को व्हीलचेयर पर ले जाते हैं हर साल

इसके बाद शिवानंद अपनी पत्नी के साथ 2014 में फिर से बदरीनाथ के दर्शन के लिए निकल गए। शिवानंद बदरीनाथ के कपाट खुलने से पहले ही वहां पहुंच गए और खुलते वक्त हुए उत्सव में शामिल हुए। इसके बाद से उन्होंने तय किया कि वो हर साल कपाट खुलने से पहले बदरीनाथ जाएंगे। दिव्यांग पत्नी को व्हीलचेयर पर लेकर दुर्गम पहाड़ियों पर जाने में आने वाली मुश्किलों पर शिवानंद का कहना है कि अब उन्हें ऐसा कुछ महसूस नहीं होता।

जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है बद्रीनाथ

जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है बद्रीनाथ

शिवानंद ने कहा कि यात्रा शुरू होने के वक्त उन्हें कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब उन्हें काफी मदद मिल जाती है। यात्रा के वक्त रास्ते में मंदिर और धर्मशाला मिल जाती है और लोग रास्ते में मदद भी कर देते हैं। शिवानंद कहते हैं कि बदरीनाथ के दर्शन से पहले उनकी पत्नी की तबीयत खराब रहती थी, लेकिन अब उसमें भी सुधार होने लगा है। हर साल बदरीनाथ के दर्शन उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है।

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English summary
Man Travels To Badrinath Dham Every Year With Disabled Wife On Wheelchair.
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