असम: डिटेंशन कैंप में रखे गए एक और व्यक्ति की मौत, मरने वालों की संख्या हुई 29
गुवाहाटी। असम में डिटेंशन कैंप में रखे गए एक और व्यक्ति की मौत हो गई है। ये कैंप अवैध प्रवासियों के लिए बनाए गए हैं। इस शख्स ने गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) में शुक्रवार को आखिरी सांस ली। इसे बीमार हुए 10 दिन हो गए थे, जिसके बाद इसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। अब तक डिटेंशन कैंप में रह रहे लोगों में से 29 की मौत हो चुकी है। इन कैंपों में लगभग एक हजार लोग पंजीकृत हैं।
सोनितपुर जिले का रहने वाला था मृतक
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि मृतक व्यक्ति का नाम दुलाल पॉल था और वह सोनितपुर जिले के अलीसिंगा गांव का रहने वाला था। उसे 28 सितंबर को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पुलिस ने बताया कि पॉल को 11 अक्टूबर, 2017 को डिटेंशन कैंप में लाया गया था। इससे पहले अक्टूबर माह में एक 65 साल के व्यक्ति की मौत हो गई थी। उसे भी डिटेंशन कैंप में रखा गया था और उसने भी इसी अस्पताल में दम तोड़ा। इस बुजुर्ग व्यक्ति के परिवार का दावा था कि वह मानसिक तौर पर बीमार था।
असम में 6 डिटेंशन कैंप हैं
वर्तमान में असम में 6 डिटेंशन कैंप हैं। जो यहां की अलग-अलग जेलों में अस्थायी तौर पर बनाए गए हैं। इनमें करीब एक हजार लोग रहते हैं। सातवां डिटेंशन कैंप गोलपारा जिले में बनाया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, असम के फॉरेन ट्रिब्यूनल्स (FTs) ने 28 लोगों को अवैध नागरिक घोषित किया था और इन्हें डिटेंशन कैंपों में रखा गया। जिनकी मौत हो गई है। जुलाई माह में राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने विधानसभा में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की ओर से कहा था कि असम के 6 डिटेंशन कैंपों में कुल 25 लोगों की मौत हुई है।
6 लोगों की 2018 में मौत
मंत्री ने कहा था कि 6 लोगों की मौत 2018, 6 की मौत 2019 के जुलाई माह तक हुई थी। इससे पहले 4 लोगों की मौत 2016 और 1 की मौत 2011 में हुई थी। इन सभी की मौत का कारण इनका बीमार होना बताया गया। विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार इनमें से केवल दो का पता बांग्लादेश का था। बाकी के घरों का पता असम का था। पटवारी ने कहा था, 'बीमारी के कारण, डिटेंशन कैंप में रखे गए इन लोगों को अस्पतालों में भर्ती करवाया गया था, जिसके बाद इनकी मौत हो गई... किसी भी शव को बांग्लादेश नहीं भेजा गया है।'
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