मोदी से दो बार हाथ मिलाने के लिए किया क्या ये जुगाड़?
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लंदन: पीएम मोदी सोमवार को चार दिवसीय विदेश यात्रा के पहले पड़ाव पर स्वीडन पहुंचे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीडन में हुए उनके ग्रैंड वेलकम के लिए पीएम स्टीफन लवीन का शुक्रिया अदा किया। जब प्रधानमंत्री मोदी स्टॉकहोम पहुंचे तो भारतीय समुदाय भी प्रधानमंत्री का स्वागत करने पहुंचा था। 'वेलकम नमो' के पोस्टर के साथ ये लोग प्रधानमंत्री मोदी की एक झलक पाने के लिए बेताब थे, प्रधानमंत्री मोदी का स्वीडन में भारतीयों द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया था। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शेयर की गई दो अलग-अलग तस्वीरों में एक व्यक्ति को हाथ मिलाते हुए देखा गया। एक तस्वीर में, वह टोपी पहने हुए था और दूसरे में, वह बिना टोपी के था। इसको लेकर ट्वीटर पर तरह-तरह की प्रतिक्रियायें आ रहीं हैं।
जोस कोवेको द्वारा शेयर की गई तस्वीर पर लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रियायें आईं।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शेयर की गई दो अलग-अलग तस्वीरों में एक व्यक्ति को हाथ मिलाते हुए देखा गया। एक तस्वीर में, वह टोपी पहने हुए था और दूसरे में, वह बिना टोपी के था।
एक यूजर ने कहा कि इससे साबित होता है कि गगन एक ही हैं।
जब प्रधानमंत्री मोदी स्टॉकहोम पहुंचे तो भारतीय समुदाय भी प्रधान मंत्री का स्वागत करने पहुंचा था। 'वेलकम नमो' के पोस्टर के साथ ये लोग प्रधानमंत्री मोदी की एक झलक पाने के लिए बेताब थे।
कोई कह रहा था कि रमेश और सुरेश एक ही हैं।
कोई इसे पीएम से मिलने के लिए किया गया जुगाड़ बता रहा था, तो कोई कह रहा था कि रमेश और सुरेश एक ही हैं। बता दें कि 30 सालों के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री स्वीडन पहुंचा हैं।
'भारत की बात' कार्यक्रम में PM मोदी:
तीन देशो की यात्रा पर पीएम मोदी बुधवार को ब्रिटेन पहुंचे। यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हॉल में 'भारत की बात, सबके साथ' कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। इस कार्यक्रम का संचालन प्रसून जोशी ने किया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कार्यक्रम आए लोगों के सवालों के जवाब दिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हॉल में 'भारत की बात, सबके साथ' कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। हर आयु, युग और अवस्था में कुछ न कुछ नया करने का मकसद गति देता मैं ऐसा नहीं सोचता हूं, हर आयु, युग और अवस्था में कुछ न कुछ नया करने का मकसद गति देता है। आज सवा सौ करोड़ देशवासियों के दिल में इच्छाएं हैं। हमें खुशी है कि हमने ऐसा माहौल बनाया कि लोग अपेक्षा करते हैं। बेसब्री देश के लोगों के दिल में प्रगति के बीज बोते हैं। मैं बेसब्री को बुरा नहीं मानता हूं।
बता दें कि पीएम मोदी कॉमनवेल्थ देशों के अकेले ऐसे राष्ट्राध्यक्ष हैं जिन्हें कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गर्वनमेंट मीटिंग (सीएचओजीएम) से पहले क्वीन एलिजाबेथ से मुलाकात की पेशकश की गई। पीएम मोदी को की गई इस पेशकश को अधिकारी एक 'असाधारण स्वागत' के तौर पर देख रहे हैं।