असम: बीफ बेचने के आरोप में शख्स के साथ मारपीट, पोर्क खाने को किया मजबूर
बिस्वनाथ। असम के बिस्वनाथ जिले में रविवार को एक शख्स के साथ मारपीट और गालीगलौच की गई। मामले का वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिस शख्स को पीटा गया उसका नाम शौकत अली है और वह 68 साल का है। वीडियो में वह घुटनों पर बैठा है अपनी जान का भीख मांग रहा है। पीड़ित के कपड़े बुरी तरह मिट्टी में सने हैं।
जबरदस्ती खिलाया सुअर का मांस
सूत्रों की माने तो वहां मौजूद लोगों ने शख्स को सजा देने के लिए उसे जबरदस्ती सुअर का मांस खिलाया। फिलहाल सरकारी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। वीडियो में लोगों को कहते सुना जा रहा है कि क्या तुम बांग्लादेशी हो? क्या एनसीआर में तुम्हारा नाम दर्ज है? बता दें कि असम में एनसीआर के जरिए अवैध निवासियों का पता लगाया जा रहा है। बीते साल इसपर फाइनल ड्राफ्ट प्रकाशित हुआ था जिसमें 3 करोड़ से अधिक आवेदकों में से 40 लाख लोगों के नाम थे।
सवालों के घेरे में 40 लाख लोगों की नागरिकता
सोमवार को जारी हुए बीजेपी के मेनिफेस्टो में कहा गया कि एनसीआर के काम को प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा। असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ रिकॉर्ड के मसौदे को तैयार कर लिया है और इसके अंतिम स्वरूप को पेश कर दिया है। इस मसौदे के सामने आने के बाद 40 लाख लोगों की नागरिकता पर सवाल खड़े हो गए हैं। जिन लोगों के नाम इस रजिस्टर में नहीं है उन्हें एनआरसी के अनुसार अवैध नागरिक माना गया है। लेकिन एनआरसी फाइनल मसौदे के सामने आने के बाद से इसपर सियासी घमासान चालू है।
क्या है एनआरसी?
दरअसल 1951 की जनगणना के अनुसार नेशनल सिटिजेन रजिस्टर को बनाया गया था, जिसमे हर गांव में रहने वाले व्यक्ति की जानकारी दर्ज की गई थी। इसमे हर नागरिक का नाम, उम्र, पिता का नाम, पति का नाम, घर का पता, घर के सदस्यों के बारे में और उनकी आजीविका के बारे में जानकारी दर्ज की गई थी। इस रजिस्टर में हर व्यक्ति की जानकारी 1951 के बाद से दर्ज है और इसे डेप्युटि कमिश्नर, सब डिविजनल कमिश्नर ऑफिसर के पास केंद्र सरकार के निर्देश के बाद सुरक्षित रखा गया है। 1960 के बाद इस रजिस्टर को पुलिस के हवाले कर दिया गया था।
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