विपक्ष की बैठक से पहले ममता बनर्जी ने दिखाए तेवर, सोनिया गांधी को बड़ा झटका
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज होने वाली विपक्ष की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी। तमाम विपक्षी दलों की यह बैठक आज होगी, जिसकी अध्यक्षता पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी। जानकारी के अनुसार ममता बनर्जी चाहती हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी तमाम विपक्षी दलों का नेतृत्व करें। वहीं जब इस बारे में ममता बनर्जी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे बैठक के बारे में ज्यादा नहीं पता है, 10 विपक्षी दल मिल रहे हैं, यह एक रूटीन बैठक है, इसे गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है, मेरी पार्टी के सदस्य इसे संभालेंगे, मुझे और भी काम हैं।
विपक्ष का नेता बनने की इच्छा
जानकारी के अनुसार ममता बनर्जी पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं की हावड़ा में होने वाली बैठक में शिरकत करेंगी और उन्होंने विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के लिए डेरेक ओ ब्रायन व सुदीप बंदोपाध्याय को नियुक्त किया है। टीएमसी के वरिष्ठ नेता का कहना है कि ममता बनर्जी एक कद्दावर नेता हैं, लिहाजा उन्हे विपक्ष के नेता के तौर पर आगे बढ़ाना चाहिए। राहुल गांधी के नेतृत्व में उनके के लिए काम करना मुश्किल है। ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगातार बोलने वाली नेता हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की लगभग सभी योजनाओं पर हमला बोला है, लोग उन्हें विपक्ष के नेता के तौर पर देखना चाहते हैं।
कांग्रेस से बनाई दूरी
टीएमसी नेता ने कहा कि ममता बनर्जी का सोनिया गाधी से काफी अच्छा संबंध रहा है और वह पिछले कई सालों में सोनिया के साथ होने वाली विपक्ष की बैठक में मौजूद रही हैं। वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि जबसे कांग्रेस ने सोनिया गांधी की जगह राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया है उसके बाद से ममता बनर्जी लगातार कांग्रेस से एक निश्चित दूरी बनाए रखी है। हालांकि आज होने वाली बैठक के बारे में ममता बनर्जी का कहना है कि उन्हें इस बैठक के बारे में काफी देर से बताया गया, लिहाजा इस बैठक में शामिल होना उनके लिए संभव नहीं है।
हमारी पार्टी का गद्दार भाजपा में
बुधवार को अपनी पार्टी की बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि हमारी पार्टी अब राष्ट्रीय राजनीति में अपने पैर मजबूत करने की कोशिश करेगी, इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला। इससे पहले उन्होंने अपनी कमेटी की बैठक के दौरान उन्होंने त्रिपुरा चुनाव के बारे में कहा कि मेरी पार्टी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती थी, लेकिन हम ऐसा नहीं कर सके क्योंकि हमारे पास पैसा नहीं है, हमारे पास एक गद्दार था जोकि भाजपा में चला गया है।
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