10 बहाने करके PM मोदी से मिली ममता बनर्जी, सवाल पूछने पर भड़की!
बेंगलुरू। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आजकल बदली-बदली नज़र आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी से अदायत की कितनी कहानियों में सुपर वूमैन की तरह फाइट करने वाली ममता दीदी अचानक बदल गई हैं। बुधवार को राजधानी दिल्ली पहुंची ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से भेंट करने पहुंची तो उनके हाथ में फूलों वाला गुलदस्ता था।
प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात से पहले ममता जब दिल्ली रवाना होने के लिए विमान पर चढ़ने जा रही थी और अचानक एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी की पत्नी जसोदाबेन दिख गईं तो बावलियों की तरह ममता बनर्जी भागकर मिलने जाती हैं और अब प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की अर्जी लगाई है।
बदलते समय के साथ जिस तरह से ममता बनर्जी का सियासी पैतरे का पारा तेजी से ऊपर-नीचे हो रहा है। उसको देखते हुए ममता दीदी को समझने वाले जानकार मानते हैं कि ममता दीदी यह नया अवतार पीछे सारदा चिट फंड केस में फंसे उनके कैबिनेट के मंत्रियों के पांव और अपने करीबी अफसर पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के हाथ को जांच के दायरे से बचाने के लिए आकस्मिक कारणों से धारण किया है।
दरअसल, ममता बनर्जी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात से पहले एक बेहतर माहौल की तलाश रही थी और यह मौका उन्हें कोलकाता एयरपोर्ट पर मिल गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन उन्हें एयरपोर्ट पर दिख गईं। ममता दीदी प्रधानमंत्री मोदी की पत्नी जशोदाबेन की एयरपोर्ट की मौजूदगी को एक मौके की तरह इस्तेमाल किया और जसोदा बने से मिलने के लिए उनकी ओर दौड़ लगा दी।
ममता ने जसोदा बेन से औपचारिक मुलाकात के बाद उन्हें एक साड़ी भी उपहार में भेंट किया। ममता बनर्जी की यह सारी कवायद ठीक प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात से पहले हुई। इसलिए अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि ममता दीदी दिल्ली से खाली हाथ लौटने के लिए नहीं जा रही हैं।
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से जब पत्रकारों ने पश्चिम बंगाल के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से संबंधित सवाल पूछने की कोशिश की तो ममता दीदी बुरी तरह से भड़क गईं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से उनकी मुलाकात राजनीतिक नहीं थी।
उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात को अच्छा बताते हुए कहा कि उन्हें दुर्गा पूजा में बंगाल आने के लिए भी आमंत्रित किया है। साथ ही, पश्चिम बंगाल के विकास कार्यों के लिए केंद्र से 13,500 करोड़ रुपये की मांग की हैं। उधर, पार्टी ने भी प्रधानमंत्री मोदी से पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी की मुलाकात को औपचारिक करार देकर जवाब ढ़ंढ़ने वालों का मुंह बंद करने की कोशिश की।
पश्चिम बंगाल के प्रभारी और बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी के ह्रदय परिवर्तन पर निशाना साधते हुए कुछ ऐसा ही बयान दिया है। विजयवर्गीय का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ने कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को बचाने की आखिरी कोशिश के तहत नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है। विजयवर्गीय ने यह दावा किया है कि ममता दीदी इस बात से वाकिफ हैं कि पूर्व कमिश्वर की गिरफ्तारी के बाद करोड़ों रुपये के सारदा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में उनकी आधी कैबिनेट जेल चली जाएगी।
गौरतलब है ममता दीदी अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल के लिए मशहूर हैं। एक बार तो उन्होंने प्रधानमंत्री पद की मर्यादा को लांघते हुए यहां तक कह दिया था कि उन्हें नहीं लगता कि उन्हें प्रधानमंत्री के तौर पर नरेद्र मोदी का सम्मान करने की जरूरत है। ममता दीदी प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी अदायत को काफी दूर लेकर गईं। ममता बनर्जी प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह तक में नहीं गईं।
यही नहीं, ममता दीदी ने प्रधानमंत्री मोदी से दूरी बनाने के लिए नीति आयोग और मुख्यमंत्रियों की बैठकों से भी किनारा कर लिया था, लेकिन ऐसी क्या मजबूरी आ गई जो ममता दीदी पहले पीएम मोदी से औपचारिक और शिष्टाचार मुलाकात की है और गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात के लिए उनका दरवाजा खटखटा रही हैं।
पीएम मोदी से मुलाकात पर बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, कोई भी ममता बनर्जी के प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के मायने आसानी से निकाल सकता है। उन्होंने कहा कि ममता अभी कुछ भी कर लें, लेकिन अपनी कोशिशों में कभी कामयाब नहीं हो सकती हैं, क्योंकि सारदा चिटफंड घोटाले से राजीव कुमार और उनकी पार्टी के नेताओं को को बचाने की उनकी कोशिशों का कोई परिणाम नहीं निकलने वाला है।
मालूम हो, चिटफंड घोटाले में पूर्व कमिश्वर राजीव कुमार पर गिरफ्तारी का तलवार लटका है और घोटाले के तार ममता कैबिनेट में मौजूद कई मंत्रियों से जुड़े हुए हैं। अगर पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार की गिरफ्तारी हुई तो ममता कैबिनेट के आधे मंत्री जेल जाते नजर आ सकते हैं।
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क्या है शारदा चिटफंट घोटाला?
शारदा चिटफंड घोटाले का खुलासा वर्ष 2013 में हुआ, जिसकी जांच के लिए ममता सरकार ने पश्चिम बंगाल पुलिस की SIT जांच के आदेश दिए, जिसका नेतृत्व आईपीएस राजीव कुमार ने किया। एसआईटी हेड के तौर पर राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर में शारदा घोटाले के मास्टरमाइंड और शारदा चिटफंड कंपनी के प्रमुख सुदीप्तो सेन और उनकी सहयोगी देवजानी मुखर्जी को गिरफ्तार किया। वर्ष 2014 में इस केस की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सीबीआई पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी देवजानी ने बताया कि एसआईटी ने उनके पास से एक लाल डायरी, पेन ड्राइव समेत कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए थे, जिसमें चिटफंड कंपनी से रुपये लेने वाले नेताओं के नाम थे। अब अगर सीबीआई पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार की गिरफ्तार करने में कामयाब हो जाती है, तो ममता के कैबिनेट में शामिल उन दागदार चेहरों का नाम उजागर हो सकता है, जो तथाकथित लाल डायरी में मौजूद हो सकते हैं।
पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार पर क्या है आरोप?
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद करीबी अफसरों में से एक पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार पर सीबीआई का आरोप है कि उन्होंने पोंजी चिंट फंड घोटाला मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की थी। राजीव कुमार को बीते शनिवार को सीबीआई ने पूछताछ के लिए समन किया था, लेकिन राजीव कुमार सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए थे। सीबीआई ने राजीव कुमार को समन बीते हफ्ते कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद जारी किया था। इस आदेश में हाईकोर्ट ने राजीव कुमार को शारदा चिटफंड घोटाला केस में गिरफ्तारी से मिली छूट को वापस ले लिया था। सीबीआई के समन पर राजीव कुमार ने एक ईमेल भेज कर कहा था कि वो छुट्टी पर हैं इसलिए उन्हें कुछ दिन की मोहलत चाहिए।
इन टीएमसी नेताओं की अब तक हो चुकी है गिरफ्तारी
शारदा घोटाले में गिरफ्तार होने वाले टीएमसी के राज्यसभा सांसद कुणाल घोस पहले टीएमसी नेता थे, जिन्हें नवंबर 2013 में गिरफ्तार किया गया था। घोष चिटफंड घोटाले वाली कंपनी शारदा ग्रुप की मीडिया यूनिट के ग्रुप सीईओर थे। इस केस में गिरफ्तार होने वाले दूसरे नेता श्रुंजॉय बोस थे। राज्यसभा सांसद श्रृंजॉय पर घोटाले के मास्टरमाइंड और शारदा ग्रुप के सीएमडी सुदीप्तो सेन से घोटाले की रकम में हिस्सा लेने का आरोप लगा। इसके बाद सीबीआई ने ममता के करीबी और परिवहन मंत्री मदन मित्रा को गिरफ्तार किया, जिन्होंने शारदा ग्रुप के कार्यक्रमों में शिरकत के दौरान घोटाले के मास्टरमाइंड सुदीप्तो सेन की तारीफ की थी।
केस में गिरफ्तार हो चुके हैं पूर्व डीजीपी रजत मजूमदार
वर्ष 2014 में सीबीआई ने सारदा चिटफंट स्कैम केस में पूर्व डीजीपी रजत मजूमदार को भी गिरफ्तार किया था, जो वर्तमान में टीएमसी के उपाध्यक्ष हैं। सीबीआई के मुताबिक रजत मजूमदार सारदा ग्रुप के लिए सिक्यॉरिटी एडवाइजर के तौर पर काम कर चुके हैं। वर्ष 2016 में शारदा घोटाले से जुड़े एक स्टिंग ऑपरेशन में टीएमसी के उपाध्यक्ष और सांसद मुकुल रॉय का नाम भी सामने आया, जिसके बाद उनसे सीबीआई ने पूछताछ भी की। इसके बाद ममता बनर्जी के दाहिने हाथ कहे जाने वाले मुकुल रॉय ने बीजेपी का दामन थाम लिया था।