मोदी को हटाने के लिए राहुल को पीएम बनवा सकती हैं ममता
नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के खिलाफ ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की नाराजगी अब इस कदर बढ़ चुकी है कि वो उन्हें सत्ता से हटाने के लिए कोई भी राजनीतिक कदम उठाने के लिए तैयार हो रही हैं। एक ऐसी ही बड़ी जानकारी सामने आ रही है, जिससे देश की सियासत में एक दिलचस्प मोड़ आ सकता है। खबरें मिल रही हैं कि अब तक राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की पीएम उम्मीदवारी पर नाक-भौं सिकोड़ने वाली टीएमसी (TMC) सुप्रीमो अब उनके नाम पर भी मुहर लगाने का मन बना रही हैं।
राहुल पर राजी हो सकती हैं ममता
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की टीएमसी (TMC) के सूत्रों से संकेत मिल रहे हैं कि दीदी किसी भी कीमत पर नरेंद्र मोदी को सत्ता में वापस आने देने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके लिए वो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी अगला प्रधानमंत्री स्वीकारने के लिए तैयार हो सकती हैं। एनडीटीवी ने टीएमसी (TMC)के सूत्र के हवाले से ये जानकारी दी है। दरअसल, डीएमके (DMK) चीफ एम के स्टालिन (MK Stalin) ने मंगलवार को फिर से राहुल गांधी को पीएम बनाने के लिए बैटिंग की है, इसी का हवाला देते हुए एक टीएमसी (TMC) सूत्र ने कहा है कि, "अगर स्टालिन राहुल गांधी को पीएम बनाने की बात करते हैं, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। सभी यही चाहते हैं कि मोदी हटें।"
विपक्ष की रणनीति
दरअसल, विपक्ष के नेताओं में फिलहाल इस बात पर सहमति दिख रही है कि पीएम पद जैसे जटिल मसले पर कोई मुद्दा न बने। विपक्षी नेताओं को लगता है कि नतीजे से पहले इस पेंचीदे मुद्दे को उठाने से उनकी एकता भंग हो सकती है। क्योंकि, विपक्ष में इस पद के दावेदारों की कोई कमी नहीं है। तृणमूल सूत्र ने इस मसले पर तेलंगाना (Telangana) के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekar Rao) के दक्षिण के नेताओं से मुलाकातों के बारे में भी यही कहा है कि, "क्षेत्रीय पार्टियां मोदी को हटाने के लिए नजदीक आ रही हैं। ममता इसमें महत्वपूर्ण रोल निभा रही हैं और पिछले चैनल से काम कर रही हैं।"
कौन-कौन हैं रेस में?
राहुल गांधी के अलावा प्रधानमंत्री पद के दावेदारों में बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) और खुद टीएमसी चीफ ममता बनर्जी (Mamata Banerjee)भी शामिल हैं। इन सभी की ओर से किसी न किसी तरह से अपना नाम पीएम पद के लिए उछलवाया जाता रहा है। जहां तक राहुल गांधी के नाम पर ममता के हामी भरने का सवाल है, तो उनके रुख में इस एक बहुत बड़ा बदलाव माना जा सकता है। क्योंकि, दोनों के बीच राजनीतिक रिश्ते उतने मीठे नहीं रहे हैं और चुनाव अभियान के दौरान एक-दूसरे के खिलाफ कड़े हमले भी किए गए हैं।
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