ममता ने की शरणार्थियों को जमीन का मालिकाना हक देने की घोषणा
नई दिल्ली- मोदी सरकार की ओर से पूरे देश में एनआरसी लागू किए जाने की चर्चा के बीच पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने एक बड़ा दांव खेला है। मुख्यमंत्री बनर्जी ने सोमवार को ऐलान किया है कि केंद्र सरकार और निजी जमीनों पर मौजूद शरणार्थियों की 3 एकड़ तक की कॉलोनियों को नियमित किया जाएगा। जाहिर है कि एनआरसी लागू किए जाने की घोषणा के बीच ममता का ये फैसला आने वाले दिनों में बंगाल में बड़ी सियासी गतिरोध का कारण बन सकता है। बीजेपी शुरू से ममता पर बांग्लादेश से आए अवैध घुसपैठियों के प्रति वोट की लालच में सहानुभूति रखने का आरोप लगाती रही है।
शरणार्थियों को जमीन का हक देगी ममता सरकार
बुलबुल तूफान से प्रभावित लोगों के लिए राहत उपायों पर कैबिनेट की बैठक में चर्चा के बाद सीएम बनर्जी ने ये भी कहा कि टीएमसी सरकार सभी विस्थापितों को जमीन का मालिकाना हक देगी। ममता के मुताबिक, "हमनें फैसला किया है कि सभी जमीनों (शरणार्थी बस्तियों) को नियमित किया जाएगा, सिर्फ इसलिए कि इसे अब बहुत दिन हो चुका है। 1971 (मार्च) से ही उन्हें बिना घर या जमीन के झूलते हुए छोड़ दिया गया है। मुझे लगता है कि शरणार्थियों का ये अधिकार है।" इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी सरकार की जमीनों पर मौजूद 94 शरणार्थी कॉलियों को पहले ही नियमित कर दिया है। उन्होंने बताया कि, "लेकिन केंद्र सरकार और निजी पार्टियों की जमीनों पर कई सारी शरणार्थी कॉलोनियां हैं। हम उनसे लंबे वक्त से कह रहे हैं कि शरणार्थी कॉलोनियों को नियमित करें और उन्हें जमीन का कब्जा दिलाएं। लेकिन, वे लोग खाली कराने का नोटिस भेज रहे हैं।"
एनआरसी लागू करने की घोषणा के बाद ऐलान
बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया है कि टीएमसी बांग्लादेश से आए अवैध घुसपैठियों की रक्षा कर रही थी, क्योंकि वह उनका वोट बैंक है और इसलिए पार्टी ने राज्य में एनआरसी लागू करने पर जोर दिया है। पिछले हफ्ते केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में भी कहा था कि एनआरसी की प्रक्रिया पूरे देश में शुरू की जाएगी। हालांकि, टीएमसी सुप्रीमो ने तभी कहा था कि वह इसे बंगाल में लागू नहीं होने देंगी। उन्होंने कहा था, "मैं ये पूरी तरह साफ कर देना चाहती हूं कि एनआरसी को बंगाल में भी लागू नहीं होने दिया जाएगा।.....हम किसी को धर्म के आधार पर लोगों को बांटने नहीं देंगे। "
राहत सामग्री रवाना किया
इस बीच ममता ने राज्य सचिवालय से राहत सामग्री लेकर 12 वाहनों को झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने बताया कि आपदा पीड़ित परिवार के बीच 5 लाख रिलीफ किट का वितरण किया जाएगा। इस किट में कंबल, चूल्हे, बर्तन, खाने का सामान और कपड़े दिए गए हैं, जो दक्षिण मिदनापुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना में प्रभावित परिवारों को मुहैया कराई जाएंगी।
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