7th Pay Commission: पश्चिम बंगाल में टीचर्स को जनवरी 2020 से मिलेगा बढ़ा हुआ वेतन, ममता सरकार ने किया ऐलान
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने उच्च शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षकों का वेतनमान बढ़ाने का ऐलान किया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा है कि 1 जनवरी से सातवें वेतन आयोग के अनुसार यूजीसी का संशोधित वेतनमान लागू किया जाएगा। ये घोषणा राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की। साथ ही उन्होंने बताया कि इससे सरकारी खजाने पर एक हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
ममता बनर्जी ने बताया कि ये संशोधित वेतनमान सरकारी महाविद्यालयों, सरकारी सहायता-प्राप्त महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों लागू होगा। सीएम ने कहा कि शिक्षकों को 2016 से 2019 तक चार साल की अवधि के लिए उनके वेतन के तीन फीसदी वृद्धि का लाभ भी मिलेगा। वे महाविद्यालयों और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों की बैठक को संबोधित कर रही थीं। सीएम ने कहा कि हर कोई वेतन आयोग के हिसाब से सैलरी चाहता है। लेकिन लोगों को ये समझना चाहिए कि केंद्र की वेतन संरचना राज्यों से अलग है।
ममता बनर्जी ने कहा कि बहुत कम राज्यों ने यूजीसी के संशोधित वेतनमान को लागू किया है, लेकिन हमने ऐसा कर दिखाया। बनर्जी ने कहा कि सातवें वेतन आयोग के अनुसार यूजीसी का संशोधित वेतनमान लागू करने से सरकारी खजाने पर एक हजार करोड़ रु का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। सीएम ने सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त कॉलेज और यूनिवर्सिटी में कार्यरत पार्ट-टाइम टीचर्स के लिए 5000 रु की वेतन वृद्धि और 60 साल की उम्र तक सर्विस का ऐलान किया।
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हालांकि, ममता सरकार के इस ऐलान के बावजूद अध्यापकों के एक संगठन का कहना है कि उन्हें चार साल का लाभ नहीं मिल रहा है। उनकी मांग है कि संशोधित वेतनमान एक जनवरी, 2016 से लागू किया जाना चाहिए। जाधवपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर 19 और 20 नवंबर को हड़ताल करेंगे।